तालाबंदी कर न्यायिक कार्य से विरत रहे वकील
वादकारियों को मिली आगे की तारीख
मेरठ । शुक्रवार को मेरठ सहित पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों के सभी वकीलों ने आन कार्य नहीं किया। उन्होंने सुबह ही कचहरी की तालाबंदी कर दी और अदालतों का कोई काम नहीं देखा। रजिस्ट्री कार्यालय को भी नहीं खुलने दिया। जिला बार एसोसिएशनों ने मिलकर तय किया है कि जब तक हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के बाद कोलों पर लिखे मुकदमें वापस नहीं होंगे, वो काम पर नहीं आएंगे। इसके चलते तमाम जिलों में वकीलों ने हड़ताल रखकर प्रदर्शन किया।
वकीलों और पुलिस के बीच विरोध की शुरूआत बीते शुक्रवार हुई थी। जब कार में सवार होकर महिला वकील प्रिय त्यागी अपने पिता और दो लोगों के साथ हापुड़ से गाजियाबाद जा रही थी। तभी गढ़ रोड पर एक होटल के पास पहुंचने पर एक सिपाही ने महिला बकौल को लेपर्ड बाइक से टक्कर मार दी। महिला वकील ने सिपाही पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगना। इसके बाद दोनों तरफ से मुकदमे कराए गए औरवकीलों ने विरोध शुरू कर दिया।
हापुड़ में मंगलवार को महिला वकील पर दर्ज एफआईआर का विरोध कर वकीलों ने जाम लगाकर हंगामा करने टेस्ट किया। वकीलों ने संगामा, दिया था। इसके बाद पुलिस उन को को हटाने गई तो नोकझोंक हो गई। इसके बाद तमाम वकील पुलिस से भिड़ गए। इसके बाद पुलिस ने लाठी फटकार कर वकीलों को खदेड़ा और कोर्ट परिसर के अंदर किया।
वकीलों को चोटें भी आई थी, जिन्हें अस्पताल ले जाना गया। इस घटनाक्रम के बाद बुधवार को कई जिलों में वकीलों प्रदर्शन कर पुलिस का विरोध किया। मेरठ कचहरी में भी वकीलों ने पुलिस के साथ अभद्रता की और उन्हें कचहरी से खदेड़ दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के सर तरुण की पिटाई की गई। सिविल लाइन थाने में तरुण की तरफ से वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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