विश्व आत्महत्या दिवस स्पेशल 

 युवाओं में तेजी से बढ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का जानें इतिहास

 क्या है इसे मनाने का उद्देश्य, साल 2023 की ये है थीम


मेरठ । दुनियाभर में आत्महत्या के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग जिंदगी से हार मानकर मौत को गले लगा लेते हैं। हालांकि सुसाइड के बढ़ते केसेस को रोकने के लिए हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल लगभग 8 लाख लोग सुसाइड के जरिए अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। वहीं सुसाइड करने वाले लोगों की फेहरिस्त में ज्यादातर युवा शामिल हैं। जिनकी उम्र 15 से 29 साल के बीच होती है। ऐसे में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की प्रासांगिकता और बढ़ जाती है। तो आइए जानते हैं वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के बारे में विस्तार से।
  मानसिक रोग विशेषज्ञ डा कोशलेन्द्र किशाेर का कहना है। कि जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 200-250 मानसिक रोगी आते थे। कोरोना काल के बाद मानसिक रोगी मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यह आंकडा प्रतिदिन 300 से 450 को पार कर  गया है। उन्होंने बताया कि इस साल अगस्त माह तक 6897 मरीज ओपीडी में आए है। जिसमें से 5273 मरीज मानसिक रोगी थे। इसमे  से सबसे अधिक मानसिक रोगी 3875  22 से 59 साल के थे। इसके बाद 10  साल के मरीज भी शामिल थे। इसमें महिलाए भी हर उम्र की शामिल  है। इसके अतिरिक्त जिले के सीएचसी व पीएचसी पर मानसिक राेगियों की तादात तेजी से बढ रही है। इसके लिए बकायदा कैंप व काउंसिलंग करा कर उनका उपचार किया जा रहा है।  उन्होंने बताया मानसिक रोगी होने पर उसके साथ ऐसे व्यवहार करें वह अपने को अकेला महसूस न करे। 

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत

इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने साल 2003 में पहली बार 10 सितंबर के दिन विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने की शुरुआत की थी. इस इवेंट को वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ने स्पॉन्सर किया था। वैश्विक मंच पर इस पहल को काफी सराहना मिली थी। जिसके बाद अगले साल 2004 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने औपचारिक रूप से विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को स्पॉन्सर किया था। तब से हर साल 10 सितंबर को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मनाया जाता है।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का उद्देश्य

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस लोगों को आत्महत्या के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दौरान आत्महत्या करने वाले लोगों के व्यवहार पर रिसर्च करने से लेकर डाटा कलेक्ट करने और लोगों को आत्महत्या करने से रोकने जैसी चीजों पर चर्चा की जाती है। जिससे लोगों में आत्महत्या को लेकर जागरुकता बढ़ती है और वो दूसरों को भी ऐसे गंभीर कदम उठाने से रोक सकते हैं।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2023 की थीम

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2023 की थीम ‘क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन’ रखी गई है। जिसका अर्थ ‘कार्यवाई के माध्यम से आशा पैदा करना’ है. इस दिन देश और दुनिया में आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का महत्व

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस दुनिया के अलग-अलग कोनों में मनाया जाता है। इनमें से ज्यादातर इवेंट्स को विश्व स्वास्थय संगठन स्पॉन्सर करता है। इस दिवस की मदद से ना सिर्फ लोगों में जागरुकता बढ़ती है बल्कि लोगों को सुसाइड संबंधित विचार त्यागने में भी मदद मिलती है। वहीं भारत सहित कई देशों की सरकारें भी WHO की इस पहल में मदद करती है। सुसाइड का ख्याल आने पर लोग सरकार के हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल करके फ्री काउंसलिंग सेशन अटेंड कर सकते हैं।



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