फास्ट फूड पर कटाक्ष

आओ गुरु जी तुम्हें सुनाए कलयुग का यह हाल किसी से कह मत देना 

बच्चों का टाइम 7:00 बजे, उठते हैं हम 8:00 बजे  

भूखे रह गए स्कूल में बच्चे ,हो जाएं बीमार। किसी से कह मत देना ।

 मैगी मैगी करती है ,मैगी भी नहीं बनती है ।

खुद ही बनाएं  बच्चे बैठकर ,जल जाते हैं हाथ। किसी से कह मत देना 

पिज़्ज़ा पिज़्ज़ा करती हैं ,पिज़्ज़ा भी नहीं बनता है ।

 टमाटर हो गए सेब से महंगे ,आए कैसे स्वाद। किसी से कह मत देना 

मां का दूध भी नहीं मिला,  मां से खाना भी  दूर हुआ ।

 घर से तो मजबूर हो गए , रहेंगे होटल  जाय। किसी से कह मत देना 

ऐसा कलयुग आया है ,  घर में छाया अंधेरा  है ।

घर में बच्चे भूखे रो रहे,दोनों कर रहे बात। किसी से कह मत देना ...

                   मुन्नी देवी

    जवाहर गंज मंडी गढ़मुक्तेश्वर

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