इसे ना समझो रेशम का तार भैया,मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया

 हापुड़: रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर भाइयों से अपनी सुरक्षा का वचन लिया वही भाइयों ने अपनी बहनों को हर संभव सुरक्षा का वचन दिया। दुनिया भर में भाई-बहन के रिश्ते की कई मिसालें दी जाती है। भारत में इस रिश्ते को खुशियों के साथ मनाने का सबसे बड़ा त्यौहार है! 
              रक्षाबंधन जिसमें बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। इसी के साथ ही भाई भी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। यह त्यौहार भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे अलग-अलग नाम भी दिए गए है। इसके अलावा भारत के बाहर रहने वाले लोग भी इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते है।  बता दे की राखी का त्योहार वह त्यौहार है जिसको लेकर भाई और बहन का प्यार शब्दों से बयां नहीं होता, हापुड़ के पिलखुवा में माधव पॅंवार ,मधुर पॅंवार  की कलाई पर  रक्षा सूत्र बांधती उनकी दो बहन महिमा पॅंवार व शगुन पॅंवार , वही इन दोनों बहनों ने बताया कि रक्षाबंधन जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है एक पारंपरिक हिंदू त्यौहार है जो भारत में बहुत महत्व रखता है यह त्यौहार भाइयों और बहनों के बीच बंधन का जश्न मनाता है तथा रक्षाबंधन का शब्द का अर्थ ही सुरक्षा का बंधन है, बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाता है उसके सर पर हाथ रखकर उसको आशीर्वाद देता है , वही महिमा पॅंवार व शगुन पॅंवार मैं बताया कि इस त्यौहार का ऐतिहासिक और पौराणिक संबंध है भारतीय इतिहास में ऐसे उदाहरण है जहां युद्ध से पहले रक्षा सूत्र या ताबीज बाधने की प्रथम देखी गई थी तथा हिंदू पौराणिक कथाओं में ऐसी कई कहानियां है जो भाई बहन के बीच बंधन के महत्व को दर्शाती हैं, यह कहानी सुरक्षा प्रेम और कर्तव्य के विषयों पर प्रकाश डालते हैं जो रक्षाबंधन के विचार के केंद्र में हैं, तथा राखी का धागा सिर्फ एक सजावटी तत्व नहीं है, यह गहरे अर्थ रखता है राखी बांधकर बहाने अपने भाइयों से सुरक्षा की भावना जगाती हैं, बदले में भाई अपनी बहनों को किसी भी नुकसान या कठिनाई से बचने का वादा करते हैं तथा यह है आदान-प्रदान एक दूसरे का समर्थन करने और उसका ख्याल रखने की आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है यह रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति में गहराई निहित और सदियों से मनाया जा रहा है, यह परिवार प्रेम और एकता के मूल्य को दर्शाता है तथा भले ही भाई बहन भौगोलिक रूप से दूर हूं वह अक्सर इस दिन जुड़ने का प्रयास करते हैं जिससे परिवार के संबंध मजबूत होते हैं और भाई-बहन का प्यार शब्दों से कम और चेहरों की खुशी से ज्यादा चमकता है।

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