शिव महापुराण रूद्र संहिता के युद्ध खंड का वर्णन किया
मेरठ। शिव महापुराण के पांचवे दिन आचार्य संतोष दास महाराज ने शिवमहापुराण कथा के पंचम दिवस आचार्य संतोष दास महाराज ने रूद्र संहिता के युद्ध खंड का वर्णन किया। जिसमें तारकासुर,अंधकासुर,जंलधर बाणासुर जैसे अनेकों दैत्यों का भगवान् शिव ने अनेकानेक रूप धारण करके समय समय पर भक्तों की रक्षा हेतु गौ संत ब्राह्मण एवं दीन दुखियों के उद्धार हेतु धर्म की स्थापना एवं अधर्म के विनाश के लिए शंकर भगवान ने दुर्वासा, पिप्पलाद,शरभ, हनुमान आदि अनेक अवतार धारण किए हनुमान अवतार जन्मोत्सव मनाया गया बधाई।
गान नृत्य भक्तों ने उत्सव मनाया कोटिरुद्र संहिता में आचार्य जी पृथ्वी के पृथक पृथक स्थानों में स्थित शिवलिंगों तीर्थो महात्म्य वर्णन किया।उन्होंने कहा कि उपासना का भगवान एक समान फल देते हैं, लेकिन किसी को अधिक की तलब होती है तो कोई जरा से फल में ही संतुष्ट हो जाता है। कम मिलने पर जो संतुष्ट हो जाता है वह ईश्वर के करीब माना जाता है, लेकिन अधिक मिलने की आस रखने वाले कभी संतुष्ट नहीं होते हैं।
कथा वैदिक मंत्रोच्चार पारायण आचार्य नारायण दत्त शास्त्री द्वारा किया गया।इसलिए मनुष्य को केवल भक्ति पर भरोसा रखना चाहिए उसके फल पर नहीं जो मानव अपने कर्म पर भरोसा रखता है उसे ईश्वर का साथ हमेशा मिलता है।कथा के दौरान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए कथा वाचक ने जालंधर प्रसंग पर अपनी बात कही और इस दौरान हनुमान भगवान की झांकी ने पांडाल में मौजूद श्रद्धालुओं का मनमोह लिया। आयोजक शोभा शम्मी सपरा ने बताया की 9 अगस्त को दोपहर भंडारे का आयोजन होगा.इस अवसर पर पूजन में महामंडलेश्वर धर्मेंद्र गिरी भी मौजूद रहे।सागर सपरा,गीता सचदेवा,संगीता जुनेजा, गीता अग्रवाल, परमानंद सपरा, आशिमा, शिवा सपरा, शैफाली और सौरभ रांचल, समर और सारा आदि मौजूद रहे।
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