धोखाधड़ी वाले मोटर बीमा दावा घोटाले का किया पर्दाफाश, मुकदमा दर्ज

-बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने शुरू की जांच तो सामने आया सच

नोएडा
। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने हाल ही में एक संगठित मोटर बीमा धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, जिस पर संज्ञान लेते हुए बुलंदशहर जनपद में एफआईआर दर्ज कराई गयी है। एफआईआर में चार लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें कहा गया है कि मोटर थर्ड-पार्टी बीमा का दावा एक रैकेट बनाकर किया जा रहा था। बड़े पैमाने पर की जा रही इस धोखाधड़ी का खुलासा बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस द्वारा शुरू की गई जांच के दौरान सामने आया।
सावधानीपूर्वक जांच करने पर विभिन्न दुर्घटनाओं के बीच कई आश्चर्यजनक समानताएं देखी गई, जहां बीमा कराने वाली पार्टियों, ड्राइवरों और गारंटरों सहित एक ही व्यक्ति लगातार और आम तौर पर कई मोटर थर्ड पार्टी क्लेम में शामिल थे। इनमें सभी घटनाओं को हिट एंड रन घोषित किया गया था। आगे यह भी पता चला कि जालसाजों ने एक ही पैटर्न का उपयोग करके बार-बार मोटर थर्ड-पार्टी क्लेम फाइल करके और हिट-एंड-रन घटनाओं के रूप में अपने मोटर दावे को गलत तरीके से पेश करके एमएसीटी बुलंदशहर को चूना लगाया। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने धोखाधड़ी करने वाले पक्षों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर ईमानदार पॉलिसीधारकों की सुरक्षा और बीमा प्रक्रियाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। कंपनी ने कहा है कि उनकी किसी भी प्रकार की बीमा धोखाधड़ी के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम हैं और वे पॉलिसीधारकों द्वारा की गई धोखाधड़ी गतिविधियों की सक्रिय रूप से जांच और मुकदमा चलाना जारी रखेंगे। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस अपने सभी पॉलिसीधारकों से धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के प्रति सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत अधिकारियों को रिपोर्ट करने का आग्रह किया है। कंपनी सभी को बीमा धोखाधड़ी के परिणामों और उद्योग और समाज पर इसके प्रभाव को समझने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके अलावा कुल 15 ऐसे क्लेम फाइल किए गए थे, जिनमें से 50 लाख रुपये से अधिक की राशि के 4 दावों का भुगतान अदालत के फैसले के माध्यम से किया गया था।
पकड़े गए मामले में दर्ज एफआईआर के चलते चारों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो धोखाधड़ी और बेईमानी से संबंधित अपराधों से संबंधित है। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने की बात दोहराई है, जिससे कि इस बीमा घोटाले के पीछे के दोषियों को उनके धोखेबाजी का दंड दिया जा सके।

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