निःशुल्क हृदय रोग परामर्श शिविर 86 मरीजों की जांच की 

 केएमसी में निशुल्क  हृदय रोग परामर्श शिविर का आयोजन 

मेरठ। केएमसी संस्थान में रविवार को निशुल्क हृदय रोग शिविर शृंखला में के॰ एम॰ सी॰ मैडिकल एण्ड एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में के. एम. सी. चिकित्सा संस्थान द्वारा निःशुल्क हृदय रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। निःशुल्क हृदय रोग परामर्श शिविर में मरीजों को पंजीकृत कर उनका परीक्षण हार्ट सर्जन एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डा तनय गर्ग द्वारा किया गया। कैम्प में 86 मरीजों को पंजीकृत कर उनका निःशुल्क चैकअप किया गया।

डा तनय गर्ग ने बताया  कि हृदय रोग तेजी के साथ पूरे विश्व में फैल रहा है। विश्व भर में सबसे ज्यादा दिल के रोगी हिन्दुस्तान में है। पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत में हार्ट अटैक के मरीजों की औसत उम्र 50 वर्ष है। जबकि यह पश्चिमी देशों में 60 वर्ष है। आजकल मात्र 30 वर्ष की आयु के लोगों में भी हार्ट अटैक हो जाता है। इसका मुख्य कारण स्मोकिंग, खाने-पीने में अधिक चिकनाई, फास्ट फूड और व्यायाम ना करना आदि है। हार्ट अटैक के बाद पहला घण्टा सबसे निर्णायक होता है। क्योंकि 50ः मौतें इसी पहले घण्टे में ही हो जाती है। यदि पहले ही घण्टे में सही उपचार मिल जाये तो दिल को क्षतिग्रस्त होने से पूर्णतया रोका जा सकता है। हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है। 

डा तनय गर्ग ने सभी हृदय रोगियों को बताया कि - अपने डॉक्टर को तुरंत दिखायें, बताई गई दवाईयाँ नियमित लें, बी. पी., शुगर, कोलेस्ट्रॉल एवं किडनी आदि की जाँचें करायें, डॉक्टर की सलाह पर टी.एम.टी., ईको, ऐन्जियोग्राफी आदि करायें, धूम्रपान / तम्बाकू का सेवन पूर्णतया बंद करें।

हृदय रोग के मुख्य लक्षण: 

चलने पर साँस फूलना, तेज चलने पर छाती में दर्द या भारीपन का आना, जोकि आराम करने पर या गोली लेने पर स्वतः ठीक हो जाता है। डाइबिटिज के मरीजों में अक्सर तेज चलने पर दर्द नहीं होता एवं मरीजों में साँस फूलना ही एन्जाइना का लक्षण है। कई बार शुगर के मरीजों में और वृद्ध लोगों में हार्ट अटैक के समय पर भी छाती में दर्द नहीं होता केवल साँस ही फूलती है। 




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