आईएमआई - 5.0 : नेशनल ऑब्जर्वर डा. कंचन ने विशेष टीकाकरण अभियान को परखा
- टीकाकरण के लिए यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम का काम करने का तरीका देखा
- पसौंडा, लोनी और डासना में टीकाकरण में आनाकानी करने वाले परिवारों से मिलीं, खुद भी समझाया
गाजियाबाद, 11 अगस्त, 2023। सघन मिशन इंद्रधनुष - पांच (आईएमआई-5.0) की नेशनल ऑब्जर्वर डा. कंचन विशेष टीकाकरण अभियान की वस्तुस्थिति देखने के लिए तीन दिन जनपद में रहीं और बड़ी बारीकी से अभियान को देखा। इस दौरान वह ऐसे क्षेत्रों में भी गईं जहां नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या अधिक है और परिवार टीकाकरण को लेकर कुछ आशंकाओं के चलते आनाकानी कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम टीकाकरण से आनाकानी कर रहे परिवारों को कैसे टीकाकरण के लिए तैयार करती हैं, यह देखा और खुद भी उन परिवारों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया - नियमित टीकाकरण रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत कर बच्चों की 12 गंभीर बीमारियों से रक्षा करता है। इसलिए टीकाकरण बड़ा जरूरी है। टीकाकरण के लिए की जा रही काउंसलिंग पर ऑब्जर्वर ने संतुष्टि जाहिर की।
नेशनल ऑब्जर्वर डा. कंचन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि सर्वे में चिन्हित किए गए सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। खासकर मीजल्स- रूबेला (एमआर) को लेकर डा. कंचन ने कहा - दिसंबर-2023 में एमआर उन्मूलन का लक्ष्य है, इसलिए एमआर का टीका हर बच्चे को हर हाल में लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधियों से भी आईएमआई की अच्छे से निगरानी करने की बात कही। डा. कंचन आठ, नौ और 10 को जनपद में रहीं और पसौंडा, मिर्जापुर, लोनी और डासना का भ्रमण किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर वहां के मुअज्जिज लोगों के सहयोग से टीकाकरण से वंचित बच्चों के परिवारों की काउंसलिंग कर रही हैं। उन्होंने कहा शिशु के जन्म के साथ ही टीकाकरण की जरूरत होती है। इसलिए नियमित टीकाकरण से छूट गए बच्चों को प्रतिरक्षित करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष का आयोजन किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहने पाए।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. नीरज कुमार अग्रवाल ने बताया - नेशनल ऑब्जर्वर ने जिले में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा उन परिवारों की काउंसलिंग करने का तरीका देखा जो टीकाकरण कराने में आनाकानी कर रहे थे। वह ऐसे परिवारों से मिले फीडबैक पर संतुष्ट भी नजर आईं। इस दौरान डासना एमओआईसी डा. भारत भूषण, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) डा. अभिषेक कुलश्रेष्ठ, यूनिसेफ से डीएमसी मोहम्मद शादाब के अलावा मिर्जापुर में बीएमसी मूलशंकर, लोनी में बीएमसी वसीमा और डासना में बीएमसी शहजाद का सहयोग रहा।
डीआईओ डा. नीरज कुमार अग्रवाल ने बताया- टीकाकरण कवरेज के हिसाब से तैयार किए गए कम्युनिकेशन प्लान के बारे में भी ऑब्जर्वर को विस्तार से बताया गया। कम्यूनिकेशन प्लान के तहत उन क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया जा रहा है जहां नियमित टीकाकरण कम हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में घर-घर जाकर टीकाकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है। टीकाकरण के लाभ बताए जा रहे हैं और टीकाकरण से वंचित बच्चों के परिवार वालों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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