जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बाढ़ एवं वज्रपात के संबंध में बचाव हेतु जारी किये गये आवश्यक दिशा-निर्देश
मेरठ। अपर जिलाधिकारी वित्त सूर्य कान्त त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2023-24 में जनपद मेरठ में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ की स्थिति उत्पन्न होने के दृष्टिगत जिलाधिकारी दीपक मीणा एवं उनकी अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मेरठ में तैनात जिला आपदा विशेषज्ञ श्री दीपक कुमार द्वारा उपरोक्त आपदाओं के संबंध में बताया गया कि बाढ़ अत्यधिक वर्षा, बादल फटने, बांध टूटने, वनों की कटाई एवं नदी की धारा में परिवर्तन जैसे कारणो से आती है। यदि बाढ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दे, बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दे एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें।
बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ से पूर्व, ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वाटरप्रूफ बैग में इकट्ठा रखे। आवश्यकतानुसार खादय सामग्री जैसे बिस्किट, लाई, चना, गुड़, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें, बीमारी से बचाव हेतु क्लोरीन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखे। जैरी कैन, छाता त्रिपाल, रस्सी, हवा से भरी ट्यूब प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चारजर, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखे। सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखे एवं पशुओं में होने वाली बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं का समय से टीकाकरण कराए।।
गर्भवती महिलाओं ,बच्चों ,वृद्ध व दिव्यांग व बीमार को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाए
बाढ़ के दौरान, बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग जनो एवं बीमार व्यक्ति की तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाएं। घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बंद करे एवं शौचालय सीट की बालू से भरी बोरी से ढके। उबला हुआ या क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें, बिजली के तार व ट्रांसफार्मर से दूर रहे, डंड़े से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता ना होने पर उसे पार करने की कोशिश ना करे, विषैले प्राणियों जैसे सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहे, सांप काटने पर पीडित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र लें जाएं, गर्भवती महिलाओ हेतु आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें। बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन ना करे, बाढ़ के पानी के संपर्क से आई खाद्य सामग्रियों का सेवन ना करें, क्षमता से अधिक लोग नाव पर ना बैठे एवं लाइफ जैकेट जरूर पहने, बच्चों को पानी में ना खेलने दें।
क्षत्रिग्रस्त घरों में रहने से बचें
बाढ़ के बाद बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरो एवं संरचनाओं में प्रवेश ना करे, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग ना करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को पार करने की कोशिश ना करें, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का उपयोग करें, महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें, संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं गलबो को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए, डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
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