दस्तक अभियान शुरूसंचारी रोगों के प्रति घर-घर जागरूक करेंगी आशा कार्यकर्ता

पांच रोगों से संबंधित सूचनाएं ई-कवच पर अपलोड करेंगी

ब्लॉक स्तरीय चिकित्साधिकारी जांच के लिए रेफर करेंगे

हापुड़, 17 जुलाई, 2023 जनपद समेत पूरे सूबे में सोमवार से दस्तक अभियान शुरू हो गया। दस्तक अभियान संचारी रोग नियंत्रण अभियान का महत्वपूर्ण चरण है। इस चरण में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर संचारी रोगों के बारे में बताएंगीउन्हें बचाव की जानकारी देंगी और लक्षण के आधार पर रैपिड जांच करने के साथ ही संभावित रोगियों की जानकारी ई-कवच पर अपलोड करेंगी। दस्तक अभियान में 860 टीम लगी हैं। दस्तक अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया- पहली बार दस्तक अभियान को ऑनलाइन किया गया हैइसका लाभ यह होगा कि आशा जैसे ही संभावित रोगी का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करेंगीतत्काल उसकी जानकारी ब्लॉक और जिला स्तर पर बैठे चिकित्सा अधिकारियों को हो सकेगी। चिकित्सा अधिकारी रोगी को आगे की जांच और उपचार के लिए रेफर कर सकेंगे। 

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सतेंद्र कुमार ने बताया - अब तक दस्तक अभियान के तहत चार मामलों- बुखारआईएलआईटीबी और कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाई जाती थीलेकिन इस बार कुष्ठ रोगफाइलेरिया और कालाजार की जानकारी भी जुटाई जाएगी। फाइलेरिया और कालाजार के रोगी यद्यपि जनपद में नहीं पाए जाते लेकिन प्रवासी आबादी में मद्देनजर इन दोनों रोगों के लिए भी स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके अलावा दस्तक अभियान में आशा कार्यकर्ता मच्छर जनित परिस्थितियों के बारे में भी जानकारी जुटाएंगीयह जानकारी उन्हें ई-कवच पर नहींबल्कि रजिस्टर में अंकित करनी होगी। 

डीएमओ ने बताया - आशा कार्यकर्ता बताएंगी कि बरसात का मौसम संचारी रोगों के लिए अतिसंवेदनशील होता हैकुछ सावधानियां बरतकर इन रोगों से बचा जा सकता है। सबसे जरूरी है कि व्यक्तिगत साफ-सफाई रखें। बच्चों को खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद अच्छे से हाथ साफ करने को कहें। घर के आसपास पानी जमा न होने देंइससे मच्छर पैदा होते हैं और मलेरियाडेंगू और चिकनगुनिया के फैलाव का कारण बनते हैं। 

मलेरिया संक्रमण के लिए जिम्मेदार मादा एनाफिलीज मच्छर शाम के समय काटता हैइसलिए शाम के समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू के संक्रमण के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छर केवल दिन में सक्रिय रहता है और ज्यादा ऊंचा नहीं उड़ पाता। इससे बचाव के लिए टांगों और पैरों को ढक कर रखना जरूरी है। बुखार होने की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर  चिकित्सकीय परामर्श लें और चिकित्सक के परामर्श पर जरूरी जांच कराएं। 


रैपिड जांच में पॉजिटिव आने पर डीसीएच स्थित लैब में होगी जांच

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया - बुखार के रोगियों की रैपिड जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को किट उपलब्ध करा दी गई हैं। रैपिड जांच रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाएगी और संबंधित रोगी का एक नमूना दस्तोई रोड स्थित संयुक्त  जिला  चिकित्सालय  स्थित लैब में जांच को भेजा जाएगा। इस लैब में एलाइजा टेस्ट की भी व्यवस्था हो गई है। पहले इस जांच के लिए नमूने मेरठ या गाजियाबाद भेजने पड़ते थे।

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