यही हाईटेंशन तार जिसने छह लोगों को मौत की नीदं सुला दिया
दर्दनाक हादसा
करंट से छह की मौत होने से गांव में मचा हा-हाकार
, चंद मिनट पहले ही शिवभक्तों ने जीते थे इनाम
आसपास के गांवों में चुल्हे तक नहीं जले
मेरठ । बीती रात को थाना भावनपुर क्षेत्र के गांव राली चौहान में हुए कांवड़ हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। हाईटेंशन लाइन से टकराकर छह कांवड़ियों की दर्दनाक मौत हो गई। गांव पहुंचने से पहले सभी कांवड़िया जोश से भरपूर थे लेकिन किसे अंदेशा था कि गांव की दहलीज पर मौत उनका इंतजार कर रही है। गांव से चंद कदम पहले हुए हादसे ने छह शिवभक्तों की जिंदगी छीन ली, जबकि अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।जो जिदंगी और मौत से जूझ रहे हैं।
मेरठ में शनिवार को कांवड़ यात्रा के दौरान भीषण हादसा हुआ। यहां भावनपुर थानाक्षेत्र में हाईटेंशन लाइन की चपेट में डाक कांवड़ आने के दौरान हादसा हो गया। कई कांवड़िया हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए, इनमें से छह की मौत हो गई जबकि कई बुरी तरह झुलस गए। सूचना पर पुलिस मौके पर दौड़ी और झुलसे लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। बताया गया कि कई की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में चाचा-भतीजा भी शामिल हैं।
जाम लगाकर बैठे लोगों को समझाते पुलिस प्रशासन के अधिकारीराली चौहान गांव में शनिवार रात डाक कांवड़ के 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन से टकराने के हादसे में शिकार हुए सभी लोग जल चढ़ाकर घर पहुंचने के जोश से भरे हुए थे। उन्हें नहीं पता था कि गांव की दहलीज पर ही मौत उनका इंतजार कर रही है। कांवड़िये गाते हुए गांव की तरफ बढ़ रहे थे और ग्रामीण उनके स्वागत में भजन गा रहे थे, लेकिन गांव से एक किमी पहले ही हादसा हो गया।
गांव से कांवड़ ले जाने वाले इस माह के शुरूआत से ही सभी डाक कांवड़ को लेकर उत्साहित थे। जिसके लिए चंदा इकट्ठा किया गया। पूरा बंदोबस्त होने के बाद 13 तारीख को हंसी-खुशी के साथ ट्रैक्टर पर डाक कांवड़ लेने के लिए गांव से निकल गए थे। ट्रैक्टर-ट्राली पर डीजे लगाया गया था। औघड़नाथ मंदिर में जल चढ़ाने के बाद उन्होंने गांव में फोन कर जानकारी दे दी थी कि कुछ घंटे बाद वह पहुंच जाएंगे। ग्रामीणों ने उनके स्वागत को लेकर पूरी तैयारियां भी कर ली थीं।
सभी भोले के गानों पर नाचते-गाते हुए गांव की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन एक ही पल में हंसी-खुशी का यह माहौल मातम में पसर गया। हादसे में जान गंवाने वाले हिमांशु, महेंद्र, प्रशांत, लखमी और मनीष ने यह सोचा भी नहीं होगा कि वह गांव की तरफ नहीं बढ़ रहे, बल्कि मौत उन्हें अपनी तरफ खींच रही है। बताया जा रहा है कि उन्हें रविवार सुबह गांव में जाना था, लेकिन मंदिर में जल चढ़ने के बाद तय किया गया कि अब सीधे गांव में ही जाएंगे।
हादसा परिवारों को जिंदगी भर का दर्द दे गया
हादसे के बाद जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सभी इधर-उधर पड़े थे। जिन्हें देखकर चीत्कार मच गई। आनन-फानन में अलग-अलग अस्पतालों में लेकर पहुंचे।कुछ ग्रामीण बोले भगवान भोलेनाथ ऐसे क्या गलती हुई जो यह मनहूस पल दिखाया। सभी लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से चंदा इकट्ठा किया था और पूरी भक्ति के साथ गंगाजल लेकर आए थे। यह हादसा अब पीड़ित परिवारों को जिंदगी भर का दर्द दे गया। हादसे का पता चलते ही गांव का बच्चा, बुजुर्ग और महिलाएं घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। छिलौरा समेत कई अन्य गांवों के ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में यह पहला हादसा है जिससे पूरे गांव में चीत्कार मच गई। इस दर्दनाक मंजर को जीवन भर नहीं भूलाया जा सकता।



No comments:
Post a Comment