परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में “अंतरा” बना पहली पसंद
दूसरे नंबर पर आईयूसीडी, परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं की बढ़ रही जागरूकता
मेरठ, 27 जुलाई 2023। जनपद में परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। परिवार नियोजन के साधनों में त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पहले नंबर बना हुआ है। जबकि दूसरे नम्बर पर इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) है। पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) तीसरे स्थान पर है। महिला नसबंदी के मामले में मेरठ सूबे में नौवें स्थान पर तो पुरुष नसबंदी में आठवें स्थान पर है। अप्रैल से लेकर 24 जुलाई तक जनपद में 1318 महिलाओं और 25 पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. जावेद हुसैन ने बताया - अप्रैल 2023 से 24 जुलाई तक जनपद में 5990 महिलाओं ने अंतरा पर भरोसा जताया है। 3428 महिलाएं परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी निवेशन करा चुकीं हैं । 1886 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया है। पिछले वर्ष की बात करें तो 24 जुलाई 2022 तक कुल 1115 महिलाओं ने नसबंदी करायी। जबकि 41 पुरुषों ने परिवार नियोजन में भागीदारी निभाते हुए अपनी नसबंदी करायी। 4482 महिलाओं ने अंतरा को अपनाया। 2546 महिलाओं ने आईयूसीडी को अपनाया। जबकि 1685 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया। इस तरह पुरुष नसबंदी को छोड़कर अन्य परिवार नियोजन के साधनों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
जनपद में चल रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा में अब तक 242 महिलाओं ने 24 जुलाई तक नसबंदी कराई है। जनपद में सूबे का नौवा स्थान बना हुआ है। पखवाड़े में जनपद में अब तक 23 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। इस मामले में जनपद में आठवें स्थान पर है।
आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी क्या है ?
इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) लंबे समय तक काम करने वाली, अत्यधिक प्रभावी परिवार नियोजन विधि है। आईयूसीडी दो प्रकार की होती है। आईयूसीडी-380ए 10 वर्षों तक और आईयूसीडी - 375 पांच वर्षों तक कारगर रहती है। इच्छानुसार बीच में भी इसका प्रयोग रोककर गर्भधारण किया जा सकता है। दूध पिलाने वाली महिलाओं या शिशु के स्वास्थ्य पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बृजभान यादव ने बताया - न तो इसके प्रयोग से वजन बढ़ता है और न ही बांझपन, संक्रमण, संभोग में असुविधा या कैंसर का खतरा होता है। प्रसव के तुरंत बाद (48 घंटों में) पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस) का प्रयोग किया जाता है।
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