अनाेखी कहानी -

 शादी के बाद पत्नी को पढाई करवा कर स्कूल की प्रधानाचार्य के सफर तक पहुंचाया 

 शादी के  साढ़े तीन दशक के बाद भी न सिर्फ एक दूजे की पहली पसंद हैं

 बल्कि अनेकों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने रामपाल व नीरा तोमर 

 मेरठ। आजकल पति पत्नी और वो के रिश्ते को लेकर एक मामला खूब तूल पकड़े हुए है। इस पर समाज में खूब चर्चाएं भी हो रही हैं, लेकिन मेरठ में एक पति ने अपनी पत्नी को शादी के बाद न सिर्फ पढ़ाया बल्कि उच्च शिक्षा भी दिलाई। अपने पति के दिखाए रास्ते पर चलकर पढ़ लिखकर पत्नी आज हजारों बेटियों के जीवन में उजियारा लाने का काम कर रही हैं। आईए देखते हैं यह प्रेरणादायी खास खबर।

यूपी में इन दिनों पीसीएस अधिकारी ज्योति  मौर्य , उसके पति आलोक मौर्य और एक अन्य अफसर मनीष दुबे का मामला सुर्खियों में है। लोग इस मुद्दे पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं। कोई ज्योति का समर्थन तो कोई उसके पति के समर्थन में है। 

 आज हम भी एक पति पत्नी के ही किस्से को लेकर आए हैं जो कि शादी के  साढ़े तीन दशक के बाद भी न सिर्फ एक दूजे की पहली पसंद हैं, बल्कि अनेकों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत  की तरह है ।जी हां हम बात कर रहे हैं रिटायर्ड  प्रिंसिपल रामपाल सिंह और उनकी पत्नी नीरा तोमर के बारे में। ये दोनों करीब 37 साल से एक दूसरे के साथ हैं।  पति ने शादी के बाद न सिर्फ अपनी पत्नी को ग्रेजुएशन कराई, बल्कि पोस्ट ग्रेजुएशन , B.Ed , M.Ed , पीएचडी तक कराई ।    पति की बदौलत पत्नि एक बालिकाओं के विद्यालय में प्रिंसिपल हैं, जबकि पति भी शिक्षा विभाग से जुड़े रहे हैं अब रिटायर हो चुके हैं। 

नीरा तोमर  ने बताया कि  उनकी शादी  1986 में हुई थी, तब उनकी बी.ए. भी पूरी नहीं हुई थी। उसी के बाद उन्होंने बीएड किया ,एमएड किया, एमफिल की और पीएचडी की। वह बताती हैं कि सब की सब उन्होंने रेगुलर पढाई की।यानी उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और फिर शादी के बाद पढाई की।

समाज से बेखबर होकर पत्नी की कराई पढाई..

नीरा ने बताया कि वह बागपत जिले के ऐसे  क्षेत्र से थीं, जिसे काकी पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। जहां पर महिलाओं को एक दूसरी ही नजर से देखा जाता था। वह बताती हैं कि पढाई लिखाई तो दूर की बात थी ,महिलाओं बेटियों का घर के बाहर पैर रखने पर भी लोग उस घर के मुखिया से सवाल जवाब तक कर दिया करते थे।



शादी के बाद से पति करते रहे हमेशा प्रेरित..

 उनके मन में बचपन से एक लगन थी कि वह एक मुकाम हासिल करें, लेकिन तब किन्हीं परिस्थिति वश उनकी शादी हो गई तो लगा कि अब उनका पढ़ने का सपना टूट गया है। नीरा ने बताया  कि उन्होंने पाया कि उनके पति पढ़ाई को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि क्या तुम पढ़ना चाहती हो तो पढ़ो पढ़ने के बाद अलग ही लाइफ हो जाती है ।

 पति ने हर समय बढाया हौसला 

उसके बाद तो अपने पति के विश्वास के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की । उस साल पहली बार बीएड का एंट्रेंस हुआ था, एंट्रेंस दिलाया । इसी बीच बेटी भी पैदा हो गई , जब वह एंट्रेंस देने गई थीं तो उनकी नौ दिन की बेटी थी। सास और ननदों और पड़ोसियों ने भी कहा कि कैसे होगा 9 दिन का बच्चा है, लेकिन पति का साथ मिला उनके पति हमेशा होंसला बढ़ाते रहे ,हिम्मत नहीं टूटने दी और उनके सहयोग और साथ से बीएड पूर्ण हो गई। उसके बाद बीए किया,एमएड की ,एमफिल की पीएचडी की। 

 नहीं करती पढाई तो गांव में नहला रही होती भैंस..

नीरा भावुक होकर कहती हैं कि  आज वह  जिस मुकाम पर हैं अपने पति की वजह से ही हैं । नीरा का कहना है कि सदैव कहा जाता है कि एक सफल पुरुष के पीछे  एक नारी होती है, लेकिन यहां उल्टा है यहां एक सफल नारी के पीछे उनके पति हैं।  अगर वह सहयोग नहीं करते तो वे  गांव में आज भैंस ही नहला रही होतीं। वह कहती हैं कि योग्यता तो थी, लेकिन उस योग्यता को पहचानने वाली नजर उनके पति की थी।

15 वर्ष से भी अधिक का उम्र का अंतर है पति पत्नी में..

अपने पति और रिश्ते को लेकर वह बताती हैं कि  उनके और उनके पति की उम्र में काफी अंतर है, लेकिन आपसी झगड़े होना एक अलग चीज है, उनको सुलझाना एक दूसरे का सम्मान करना जरूरी होता है। प्यार का अर्थ होता है हो जैसा है उसको  उसी रूप में स्वीकार किया है तो प्यार है। प्यार कभी शर्तों पर नहीं होता , ये  एक अलग ही अनुभूति है। यह एक बहुत ही गहरी सोच है नीरा कहती हैं कि उनके पति उन्हें समझते हैं वह उन्हें समझती हैं। ऐसा भी नहीं हुआ कि उनके गृहस्थ जीवन में आपसी झगड़े नहीं हुए ,लेकिन कभी झगड़ों में किसी तीसरे को नहीं घुसने दिया।

पति ने कभी गहने नहीं दिलाए लेकिन दिलाई शिक्षा..

तुलना भी कई बार वह क़रती थीं । देखती थीं कि दूसरों के पास क्या क्या चीजें हैं जो उनके पास नहीं हैं, मेरी दोस्त कहती थीं कि उन्हें सोने की चेन दिलाई तो मुझे अजीब लगता ,लेकिन जब मैं विचार क़रती कि इसके पास चैन तो है लेकिन स्वतंत्रता नहीं है जो कि मेरे पास थी। जिसके बाद उस बात को सकारात्मक तरह से सोचती थीं। हर रिश्ते में लड़ाई झगड़े होते हैं उन्हें अपनी सोच  समझ और सकारात्मक विचारों से हमें ही जीना होगा।

पति ने दिया था आलोचना सहन करने का मंत्र...

नीरा ने बताया कि उनके पति ने शुरुआत में ही कहा था कि अगर तुम समाज की सुन सको तो ही घर से निकलना नहीं तो  अगर सुनने की क्षमता नहीं है तो वे इतना कमा ही रहे हैं कि आराम से दोनों का गुजारा चल जाएगा। बकौल नीरा तोमर यह बात उन्होंने सदैव याद रखी कि समाज तो कुछ  न कुछ कहेगा।

 आखिर में वह  कहती हैं कि एक बात में कहना चाहूंगी कि अगर आपने कुछ करने का दृढ़ निश्चय कर लिया तो धीरे धीरे बातें बननी बन्द हो जाती हैं। धीरे धीरे लोग आपका सम्मान करना शुरू कर देते हैं। थोड़ा धैर्य रखना होता है जिसने धैर्य रख लिया उसे सफलता मिलेगी है।

 बेटियों को आगे बढाने के लिए नीरा चलाती हैं जागरूकता अभियान..

महिलाओं  और बेटियों  को जागरूक करने के लिए नीरा अध्यापन कार्य के अलावा भी  काफी कार्य कर रही हैं, जिसमें वे ऐसी मुहिम चलाती हैं ताकि बेटियां जागरूक हों आगे बढ़ें। वह खतीं हैं कि ऐसा करके सकारात्मक परिवर्तन समाज लाना चाहती हैं।

ज्योति मौर्य प्रकरण पर ये है नीरा तोमर की राय..

किसी के व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा तांकझांक ने करने और पूर्वाग्रह से अपने आप ही एक निणर्य न लें।वह कहती हैं कि हमने न हीं  ज्योति मौर्य को देखा न किसी और को देख तो हमें नहीं पता कि कारण क्या हैं, उनकी अपनी परिस्थिति हो सकती है कि कोई क्यों तलाक ले रहा है। किसी के विषय में जब तक जरूरी न हो अपनी राय न दें।

रामपाल बताते हैं सफले जीवन जीने के लिए जरूरी बात..

अगर एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव नहीं है एक दूसरे का आदर सम्मान अगर नहीं करते तो  ऐसी अवस्था में सात जन्मों का साथ कैसे संभव है। इसी जन्म में मुश्किल हो जाता है। नीरा तोमर के पति रामपाल सिंह कहते हैं कि जब पति पत्नी आपस में प्रेम भाव रखते हैं तो संसार के अंदर वे सबसे सुखी प्राणी होते हैं। परमात्मा भी ऐसे लोगो के प्रति दया और करुणा लुटा देता है।

रिश्तों में प्रेम है बेहद जरूरी..

  घर में अगर गरीबी भी हो और आपस में संबंध उनके प्रेमपूर्ण हों तो वह गरीबी भी  खत्म हो जाती है और धीरे धीरे उस घर में सम्पन्नता आ जाती है।वह कहते हैं कि जिस घर में नारी की पूजा होगी उस घर में देवताओं का वास होगा, सम्पन्नता आएगी।अगर  एक दूसरे के प्रति समर्पित नहीं हैं प्रेम भाव नहीं है तो ऐसे घर में सम्पन्नता नहीं आ सकती।

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