यह मेरा नहीं हमारा विश्वविद्यालय है: प्रोफेसर संगीता शुक्ला
सबके प्रयास से ही विश्वविद्यालय आज यहां तक पहुंचा है
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 58 वा स्थापना दिवस मनाया गया
मेरठ। शनिवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का 58 वा स्थापना दिवस विधि विधान पूर्वक मनाया गया प्रातः विश्वविद्यालय परिसर में लगी महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात विधि विधान पूर्वक हवन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि यह मेरा नहीं, हमारा विश्वविद्यालय है। ये छात्रों का विश्वविद्यालय, यह शिक्षकों का विश्वविद्यालय है, कर्मचारियों का विश्वविद्यालय है। जब हम ये मानकर चलते हैं तब हमें आगे जाने की प्रेरणा मिलती है कि हम इसे और आगे ले जाएं। विश्वविद्यालय को नेक ग्रेडिंग मिली है वह केवल मेरे कारण नहीं मिली, बल्कि जब से यह विश्वविद्यालय बना है जब से लेकर अब तक जो भी शिक्षक, कर्मचारी, छात्र इससे जुड़ा रहा है सभी के सहयोग से यह ग्रेडिंग मिली है। धीरे धीरे हमने यह सीढ़ी चढ़ी है। इस ग्रेडिंग मिलने के बाद सभी को चाहिए कि वह अलग तरीके से इसकी पहचान बनाएं। जैसे स्पोर्ट्स में बच्चे बहुत अच्छा कर रहे है, रिसर्च में बहुत अच्छा कर रहे हैं।
कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय है। यह छात्रों के बहुत अच्छा प्लेटफार्म है। ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग पर भी हमारा ध्यान है जिससे गांव के बच्चे भी हम से जुड़ सकें। ग्लोबल मुकाबले में भी हमे आगे जाना है। एक्सचेंज ऑफ़ स्टूडेंट करना है अभी हमने तीन छात्रों को बाहर जाने के लिए ग्रांट दी है बाहर जाकर बच्चे वहां की कल्चर को सीखे और हमारी कल्चर को वहां पर ले जाएं जिससे हमारे देश का मन बड़े यही हमारी सोच होनी चाहिए। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि हर बच्चे के हाथ में पुस्तक होनी चाहिए यदि हर बच्चे के हाथ में पुस्तक होगी तो वह बहुत कुछ सीख पाएगा कुछ कर पाएगा बच्चे बच्चे पढ़ेंगे तो वह बहुत कुछ कर पाएंगे हमने कॉलेज से भी कहा है कि वह हर गांव लाइब्रेरी के लिए कुछ पुस्तक दान करें। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में जब तक हम ग्लोबल तौर पर मुकाबला नहीं करेंगे तो हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे हमारा कर्तव्य है कि हमारी पढ़ाई गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए हमारी रिसर्च भी गुणवत्ता पूर्ण होनी चाहिए।
इस दौरान कुल सचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह चीफ वार्डन प्रोफेसर दिनेश कुमार प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी, प्रोफेसर अतवीर सिंह, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विग्नेश कुमार त्यागी समन्वयक प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता प्रोफेसर योगेंद्र सिंह , प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी, प्रोफेसर प्रदीप चौधरी, डॉ सचिन कुमार डॉक्टर योगेंद्र कुमार गौतम डॉक्टर नरेंद्र तेवतिया डॉक्टर अनिल यादव मितेंद्र कुमार गुप्ता प्रवीण पवार डॉ धर्मेंद्र अमरपाल इंजिनियर मनीष मिश्रा, डॉक्टर धनपाल सिंह, सर्वोत्तम, विजेंद्र नेगी आदि मौजूद रहे।
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