इस साल अब तक तीन पुरुष नसबंदी हुईं
सात महिलाओं की हुई लेप्रोस्कोपिक नसंबदी
परिवार नियोजन की हर सेवा उपलब्ध है यहां
मेरठ, 3 जुलाई 2023। दम्पति को अपने घर के पास ही परिवार नियोजन की सुविधा मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। परिवार नियोजन अपनाने के इच्छुक दम्पति जानकारी के अभाव में मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाते हैं, जबकि डेढ़ लाख की आबादी पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (यूपीएचसी) पुलिस लाइन पर पुरुष, महिला नसबंदी से लेकर परिवार नियोजन के हर अस्थाई साधन उपलब्ध हैं।
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अंकुर त्यागी ने बताया- यहां इस साल अब तक तीन पुरुष नसबंदी की जा चुकी हैं। इसके अलावा सात महिलाओं की लेप्रोस्कोपिक विधि से नसंबदी की गयी। उन्होंने बताया- केन्द्र पर परिवार नियोजन की अन्य अस्थाई सेवाएं भी उपलब्ध हैं। इस वर्ष यहां छह महिलाओं ने पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), जबकि 164 इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) अपनायी। 157 त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा अपनाए गये। इसके अलावा 298 छाया, 169 माला एन गर्भनिरोधक गोली वितरित की गयीं।
उन्होंने बताया- यहां संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है। इस वर्ष अब तक यहां 18 प्रसव कराये जा चुके हैं। डा. अंकुर ने बताया- यूपीएचसी पर आने वाले नव दंपति को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तार से बताया जाता है। साथ ही छोटे परिवार के बड़े फायदे भी उन्हें बताये जाते हैं।
परिवार नियोजन के प्रति पुरुषों का जागरूक होना जरूरी
डा अंकुर त्यागी ने कहा- महिलाओं के मुकाबले पुरुष परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को लेकर कम जागरूक हैं। पुरुषों को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी के मुकाबले ज्यादा सरल है। पुरुषों को यह भ्रांति है कि नसबंदी के बाद कमजोरी आ जाती है। उन्होंने कहा नसबंदी के बाद किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं आती है। उन्होंने बताया- वह केन्द्र पर आने वाले पुरुषों की काउंसलिंग करते हैं और उन्हें परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
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