सत्ता की खनक में भाजपा नेता नहीं मान रहा कोर्ट के आदेश को

 मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार 

मेरठ।  भाजपा का एक नेता जो सत्ता के नशे में इतना चूर है की कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना कर रहा है। । अब विवेक प्रताप के प्रयासों से न्यायालय के आदेश की अवहेलना के बाद भाजपा नेता रवीश और उसके परिवार पर पुनः मुकदमा दर्ज हो गया है लेकिन रवीश अभी भी यही कह रहा है कि मेरा किसी से कुछ नहीं बिगड़ने का ।

 दरअसल मामला कुछ इस प्रकार से है। शास्त्रीनगर निवास भाजपा नेता रविश अग्रवाल  की दुकान संख्या 59 सेक्टर 7 शास्त्री नगर में 1995 से विवेक प्रताप  ग्लोबल इलेक्ट्रोनिक्स के नाम से दुकान करता था। उक्त दुकान को भाजपा नेता 2015 में जबर्दस्ती खाली करने के लिये कहा विवेक प्रताप और उसके पिताजी पर दबाव डाला । इसके बाद 2015 में विवेक ने एक मुकदमा किया जिसमें सिविल जज कोर्ट संख्या 2 ने विपक्षी गण को आदेशित किया कि वादी से जबरदस्ती दुकान खाली ना करायी जाये और जब तक यह मामला न्यायालय के अधीन है उस दुकान यथास्थिति रहने दें। लेकिन भाजपा नेता और उसके परिवार ने 31 दिसम्बर  2019 को रात्रि में विवेक की दुकान के ताले तोड़कर डकैती डाली और उस दुकान पर कब्जा कर लिया जब विवेक के 77 वर्षीय पिताजी ने उनसे बात करके कोर्ट के आदेश के अनुसार अपने ताले पुनः उस दुकान में लगाने का प्रयास किया तो भाजपा नेता रवीश और उसके परिवार ने उनके साथ गाली गलौच करके वहाँ से भगा दिया।  जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के बड़े नेताओं से दबाव बनवा कर मामले को दबवा दिया। इस भाजपा नेता के राजनीति सम्बन्ध होने के कारण यह अपने आसपास के लोगो पर रोब दिखाता रहता है और पहले भी कई पड़ोसियों से इसके विवाद होते रहें है लेकिन अपने रसूक के बल पर उन मामलों को दबावा देता है। 2-3 साल पहले भी इसने पड़ोस की एक महिला पर अभद्र टिप्पणी की थी लेकिन तब भी मामला रफा दफा करा दिया गया था । अब विवेक प्रताप के प्रयासों से न्यायालय के आदेश की अवहेलना के बाद भाजपा नेता रवीश और उसके परिवार पर पुनः मुकदमा दर्ज हो गया है । जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उसमें धारा 457,380,323,504,506 लगायी गयी है। जिसमे शुरूआत की धाराओं में कम से कम छह माह का कारावास है।  


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