राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस आज (11 अप्रैल)

प्रसव पूर्व जांच सुरक्षित मातृत्व की ओर पहला कदम : सीएमओ

पीएमएसएमए दिवस के तहत सेवाएं प्रदान करने में जनपद चौथे स्थान पर

 गाजियाबाद, 10 अप्रैल, 2023। वर्ष 2003 से हर वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इस दिन के आयोजन का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर लाने के लिए गर्भवती को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - असुरक्षित मातृत्व के कारण होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने 2016 में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस की शुरुआत की। इस अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को गर्भवती को प्रसव पूर्व देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। 

डा. भवतोष शंखधर ने बताया - वर्ष 2022-23 के दौरान पीएमएसएमए दिवस के अंतर्गत सुरक्षित मातृत्व के लिए सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में जनपद सूबे में चौथे स्थान पर रहा। पहले तीन स्थानों पर क्रमशः सुल्तानपुरआगरा और पीलीभीत जनपद रहे। उन्होंने बताया - अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक जनपद में पीएमएसएमए के अंतर्गत 53,438 गर्भवती महिलाओं की प्रसव
पूर्व जांच (एंटी नेटल केयर-एएनसी) हुई। इनमें से 
45,061 एएनसी दूसरी और तीसरी तिमाही में हुईं। विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी और तीसरी तिमाही में कम से कम एक एएनसी होनी अति आवश्यक है। 3,694 एएनसी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और 49,765 एएनसी एमबीबीएस चिकित्सक के द्वारा की गईं।

सीएमओ ने बताया - पूरे वर्ष के दौरान जनपद में 3445 उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित कर चिकित्सकीय प्रबंधन किया गया। इनमें से 3318 गर्भवती का एएनएम-आशा ने नियमित रूप से फालोअप किया । 53,409 गर्भवती की हीमोग्लोबिन जांच की गई। जांच के दौरान 886 गर्भवती अति गंभीर एनीमिक खोजी गईं और इनमें से 699 का चिकित्सकीय प्रबंधन किया गया, 185 की हालत अति गंभीर होने के कारण रेफर किया गया। इसी प्रकार प्रसव पूर्व जांच के दौरान 220 गर्भवती हाइपरटेंशन से ग्रस्त मिलींइनमें से 164 का स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकीय प्रबंधन किया गया और 56 को उच्च संस्थान को रेफर किया। इसके अलावा 53,270 गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच कर 12 एचआईवी पॉजिटिव खोजी गईं और इनमें से सात का स्वास्थ्य केंद्रों पर सफल चिकित्सकीय प्रबंधन किया गया और पांच को रेफर किया गया। 

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सात निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर मिलेगी सुविधा

 जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) अनुराग भारती ने बताया - जनपद में 24,459 गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा प्रदान की गई। अल्ट्रासाउंड सुविधा को और बेहतर करने के लिए शासन के निर्देश पर जनपद में छह और निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों से करार किया जा रहा है। डासना एक निजी केंद्र के साथ पहले से अनुबंध है। नए केंद्रों में से दो लोनी मेंएक डासना मेंएक मुरादनगर में और दो गाजियाबाद शहर में हैं। इन केंद्रों पर ई-रूपी के जरिए अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एएनसी के दौरान जिन गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी जाती हैउनके मोबाइल पर कार्यालय से क्यूआर कोड दिया जाता है। यह क्यूआर कोड एक माह तक करार वाले निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर मान्य होता है। यानि लाभार्थी को भुगतान के स्थान पर यह क्यूआर कोड प्रदर्शित करना होता है।

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प्रसव पूर्व जांच कब कराएं :

प्रथम जांच - 12 सप्ताह के अंदर

द्वितीय जांच - 14 से 26 सप्ताह के अंदर

तृतीय जांच - 28 से 34 सप्ताह के अंदर

चतुर्थ जांच - 36 सप्ताह के बाद
 

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