हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ेंगे दो-दो टीबी चैंपियन

 
क्षय रोगियों को अपने अनुभव बता नियमित उपचार की देंगे सीख
 
सभी 95 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर मेल-फीमेल चैँपियन होंगे 
 
 
 
गाजियाबाद, 04 अप्रैल, 2023।  वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए क्षय रोग विभाग कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता। नित नए प्रयास कर टीबी रोगियों के प्रति सोशल स्टिग्मा पर वार करने के साथ ही इस बात के प्रयास किए जा रहे हैं कि कोई भी क्षय रोगी बीच में दवा न छोड़ने पाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया- टीबी का उपचार शुरू होने पर कुछ ही दिनों में रोगी को आराम आने लगता है, उसे लगता है कि अब ठीक हो गया है लेकिन ऐसा नहीं होता, टीबी का पूरा उपचार लेना जरूरी होता है। बीच में उपचार छोड़ने से टीबी बिगड़कर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) हो जाती है, जिसका उपचार और मुश्किल हो जाता है।
 
सीएमओ डा. शंखधर ने बताया - कोई भी क्षय रोगी उपचार पूरा होने से पहले दवा न छोड़े, इसके लिए एक ओर जहां निक्षय मित्र उन्हें भावनात्मक सहयोग उपलब्ध करा रहे हैं वहीं शासन के निर्देश पर टीबी चैंपियंस को जोड़कर टीबी एलिमिनेशन फोर्स तैयार की जा रही है। इसके लिए हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दो टीबी चैंपियन जोड़े जा रहे हैं। एक टीबी चैंपियन मेल होगा और एक फीमेल। दोनों (पुरुष और महिला) को क्षय रोगियों की काउंसलिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी।
 
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. डीएम सक्सेना ने बताया - जिले में 39 टीबी चैंपियन पहले से काम कर रहे हैं। दरअसल उपचार पूरा कर टीबी मुक्त हो चुके लोगों को टीबी चैंपियन बनाया जाता है। शासन के निर्देश पर हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एक महिला और एक पुरुष टीबी चैंपियन जोड़ने के प्रयास शुरू कर द‌िए गए ह‌ैं। इसके लिए नए सिरे से 20 टीबी चैंपियन बनाए भी जा चुके हैं, जिले में 95 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर काम कर हैं। इन सभी पर एक महिला और एक पुरुष टीबी चैंपियन जोड़ने के लिए 95 पुरुष और 95 महिला टीबी चैंपियन बनाए जाएंगे। हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी चैंपियन क्षय रोगियों की काउंसलिंग करेंगे। काउंसलिंग के दौरान चैंपियन उन्हें उपचार के दौरान हुए अनुभव बताते हुए नियमित रूप से उपचार जारी रखने के लिए प्रेरित करेंगे। इससे क्षय रोगियों की हौसला अफजाई होगी। टीबी चैंपियन यह भी बताएंगे कि किस तरह की लापरवाही से कौन से नुकसान हो सकते हैं। घर में रहते समय और सार्वजनिक स्थान पर जाते समय क्षय रोगियों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि टीबी संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts