विश्व पृथ्वी दिवस

आरसेटी मेरठ में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया

मेरठ।  केनरा बैंक आरसेटी मेरठ में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया है। इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें लोगों को पर्यावरण सुरक्षा, धरती के प्रति जागरूक करने और इसे संरक्षित करने के बारे में बताया जाता है। साथ ही वृक्षारोपण किया गया एवं एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया I 

संस्थान के निदेशक  शिव सिंह भारती ने कहा कि जैसे कि हम सभी जानते हैं कि ब्रह्रांड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जहां मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पति और पेड़-पौधों का जीवन संभव है। पृथ्वी ने मनुष्य को वो सारे साधन उपलब्ध करवाए हैं, और प्रकृति के रुप में कुछ नायाब तोहफे दिए हैं, जिससे मनुष्य आसानी से अपना जीवन का निर्वहन कर सके। पृथ्वी, मनुष्य और जीव-जंतु के लिए एक ऐसा वातावरण उपलब्ध करवाती है, जहां मनुष्य खुली हवा में सांस ले सकता है, पीने के लिए पानी प्राप्त कर सकता है अपने खाने के लिए भोजन प्राप्त कर सकता है, और रहने के लिए घर बसा सकता है। इसके अलावा जीवन के लिए उपयोगी वो समस्त चीजें प्राप्त कर सकता है, जो कि वह चाहता है।

जिला विकास प्रबंधक रचित उत्पल ने अपने सम्बोधन में कहा कि पृथ्वी एक मां की तरह मनुष्य, जीव-जंतु समेत समस्त प्राणियों को अपनी गोद में लेकर रक्षा करती है। लेकिन, दूसरी तरफ मनुष्य अपना फायदा कमाने और भौतिक सुख भोगने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का जमकर दोहन कर रहा है। हमें इसकी रक्षा करनी चाहिये I

 अवधेश जाखड ,एजीएम केनरा बैंक के कहा की  मनुष्य आज अंधाधुंध पेड़-पौधे काट रहा है, नदियों के जल को रोक रहा है और वाहनों आदि के अत्याधिक इस्तेमाल से प्रदूषण को बढ़ावा देने समेत तमाम ऐसी अमानवीय गतिविधियां कर रहा है, जिससे पृथ्वी के आस्तित्व खतरा में पड़ रहा है, जो कि काफी गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए पृथ्वी के संरक्षण के लिए और इसके महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) मनाया जाता है।

 विकास गुप्ता सीएम केनरा बैंक ने कहा कि आपको बता दें कि विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 1970 में अमेरिका से की गई। पृथ्वी दिवस मनाने का मुख्य मकसद पृथ्वी और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर उन लोगों को चेताना है, जो कि औद्योगीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। हां इसमें कोई शक नहीं है कि औद्योगीकरण से दुनिया भर की आर्थिकी तो मजबूत हुई है और विकास हुआ है, लेकिन इसकी वजह से दुनिया के खत्म होने का संकट बढ़ता जा रहा है,और यह धीमे-धीमे मानव जीवन के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।

 रमेश जोशी ट्रेनिंग कोडिंनेटर आरसेटी मेरठ के कहा कि मनुष्य पर्यावरण की अनदेखी कर रहा है और प्रकृति से मिले नायाब उपहारों की बेकद्री कर रहा है। दरअसल, उद्योंगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और मलवा सीधे प्राकृतिक जल स्त्रोंतों से मिलकर प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है और पेड़-पौधों के कटने से मौसम चक्र में बदलाव आ गया है, पर्यावरण में विषमता और असंतुलन की स्थिति पैदा रही है। यही नहीं प्राकृतिक संसाधनों के जमकर हो रहे दोहन से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ी है, पृथ्वी का तापमान दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और पिछले कुछ सालों में सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने वाली ओजोन परत में भारी गिरावट आई हैं।

कार्यक्रम का संचालन माधुरी शर्मा ने किया और कार्यक्रम में बबिता शर्मा , दीपाली जोशी, गीता, मोनिका , अंचल , शांति देवी आदि उपस्थित रहे I

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