जैविक खेती आज की आवश्यकता - घासल  

 तीन दिवसीय किसान मेले के द्वितीय दिवस में मुख्य अतिथि ने किया दीप प्रज्जवलन

मेरठ ।27 से 29 मार्च तक कृषि विभाग द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ के प्रांगण में कृषि सूचना तंत्र के सुदृढीकरण एवं कृषक जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत मेरठ एवं सहारनपुर महल के तीन दिवसीय विराट किसान मेले एवं प्रदर्शनी का आयोजन द्वितीय दिवस में किया गया।

आज मुख्य अतिथि  सुनील तिवारी, निदेशक, फसल प्रणाली अनुसंधान के द्वारा मेले में कृषि, मत्स्य, रेशम, पशुपालन, गन्ना, उद्यान विभाग बासमती नियत विकास प्रतिष्ठान, जिला विज्ञान क्लब इफको कृषि विज्ञान केन्द्र हस्तिनापुर सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ के जैव प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान, औद्योगिक महाविद्यालय के साथ-साथ निजी क्षेत्र से दयाल ग्रुप, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, भारत एग्रो मॉलिक्यूल, इंडियन क्रॉप आदि द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया गया। मुख्य अतिथि एवं मेले की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री श्री भारत भूषण त्यागी द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।

सत्र की अध्यक्षता कर रहें पद्मश्री भारत भूषण त्यागी द्वारा जैविक खेती के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया व उनके द्वारा इस सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों को स्थल पर देखने व जानकारी प्राप्त करने हेतु अपना दूरभाष नम्बर देते हुए अपने संस्थान पर कृषकों को आमंत्रित किया गया।

डा. पी.के घासल कृषि वैज्ञानिक आई.आई.एफ.एस.आर. मोदीपुरम द्वारा प्राकृतिक एवं जैविक खेती पर बल देते हुए इसेआज की आवष्यकता बताया गया, कृषि वैज्ञानिक डा0 प्रमोद कुमार तोमर बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम मेरठ के द्वारा बासमती धान की अच्छी प्रजातियों, नर्सरी प्रबन्धन, बीज प्रबन्धन, उर्वरक व जल प्रबन्धन, खरपतवार प्रबन्धन आदि के विषय में जानकारी दी गई, श्री शुभम चौधरी तकनीकी अधिकारी यारा फर्टीलाइजर्स के द्वारा गन्ने में संतुलित पोषक तत्वों के प्रबन्धन के विषय में जानकारी दी गई, वैज्ञानिक डा0 वीरेन्द्र गंगवार कृषि विज्ञान केन्द्र हापुड द्वारा फलों के पौधों में प्लांट हार्मोन करतार का कम प्रयोग करने तथा नीबू वर्गीय पौधों में अच्छी फलतः हेतु बोरेक्स व कापर आक्सीक्लोराइड का स्टीकर के साथ प्रयोग करने, डा0 मौ0 हसनैन कृषि विज्ञान केन्द्र मुज्जफनगर द्वितीय द्वारा मृदा में जीवांश बढाने, गन्ने में 20 से 30 प्रतिषत यूरिया की खपत कम करने हेतु उर्द एवं मूॅग की सहफसली खेती करने की आवष्यकता बताई गई।

सभी वैज्ञानिकों द्वारा अपने संबोधन में आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने पर विशेष बल दिया गया। डा0 सुनील कुमार तिवारी निदेशक भारतीय फसल प्रणाली अनुसंधान संस्थान मेरठ द्वारा पशुपालन अन्तर्गत गर्मी में हरे चारे की 30 से 40 प्रतिशत उपलब्धता बतायी जिसे बढाने एवं फसल विविधीकरण करने की आवश्यकता बतायी गयी व बताया गया कि वह अपने संस्थान पर जैविक/प्राकृतिक कृषि उत्पादों की टेस्टिंग शुरू करने की व्यवस्था करने जा रहें है। बागपत से आये डा पी सिंह द्वारा गन्ने की कटाई, छिलायी व बधाई आदि के लिए उनके द्वारा बनायी जा रही मशीन के बारे में कृषक को अवगत कराया गया।

ब्रजेश चन्द्रा उप कृषि निदेशक मेरठ द्वारा सभी सम्मानित अतिथियों, मेले में आये कृषकों का आभार व्यक्त किया गया। संचालन अरूण कुमार वर्मा, सहायक कृषि अभियंता द्वारा किया गया। मेले में  अशोक कुमार यादव, उप निदेशक कृषि रक्षा मेरठ मण्डल  चमन सिंह उप सम्भागीय कृषि अधिकारी  जी.पी. सिंह जिला उद्यान अधिकारी मेरठ व डा वीरेन्द्र कुमार कृषि वैज्ञानिक के.वी.के. बघरा आदि उपस्थित रहे।

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