विश्व क्षयरोग दिवस आज, जागरूकता रैली और गोष्ठी का होगा आयोजन

25 मार्च को ग्राम स्तर पर होंगे जन जागरूकता कार्यक्रम

मेरठ, 23 मार्च 2023। विश्व क्षयरोग दिवस (24 मार्च) के उपलक्ष में  स्कूल कॉलेज और मदरसों में संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किये गये। जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर टीबी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विश्व क्षय रोग दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग से स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और टीबी के प्रसार की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को तेज करना है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. गुलशन राय ने बताया - विश्व क्षयरोग दिवस के आयोजन के संबंध में शासन से गाइडलाइन प्राप्त हो गई है। डॉ. रॉबर्ट कोच ने 24 मार्च, 1882 को टीबी के लिए जिम्मेदार जीवाणु की खोज की थी। इसलिए हर वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस की थीम यस वी कैन एंड टीबी रखी गई है।

डा. राय ने बताया- गाइडलाइन के मुताबिक बुधवार को स्कूल-कॉलेज और मदरसों में टीबी के प्रति संवेदीकरण के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए। आर जी  गर्ल्स कॉलेज में जिला पीपीएम समन्वयक नेहा सक्सेना ने छात्राओं का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया। पीपीएम शबाना बेगम ने राजकीय कन्या इंटर कॉलेज हापुड़ रोड पर  टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छात्रों का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया। साथ ही बताया गया कि टीबी न तो कोई अभिशाप है और न ही इस बीमारी को छिपाने की जरूरत है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है।
दिल्ली देहरादून मार्ग स्थित एमआईआईटी इंस्टीट्यूट में मेरठ रेडियो 89.6 एफएम के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया इस दौरान टीबी के प्रति छात्र छात्राओं को डिप्टी डीटीओ विपुल कुमार ने जागरूक किया। उन्होंने बताया - टीबी कोई अभिशाप नहीं है। समय रहते उपचार लेने पर इससे छुटकारा मिल सकता है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने वाले सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने पर सम्मानित किया गया।
डीटीओ ने बताया - 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता रैली और गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा ताकि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में जन- जन तक जानकारी पहुंचाई जा सके। 25 मार्च को समस्त जनपद में टीबी फ्री पंचायत आयोजित की जाएंगी। ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठकों, नुक्कड़ नाटकों और मनोरंजक कार्यक्रमों के आयोजन के सहारे टीबी मुक्त भारत के लिए जन-जन तक संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। 

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