विश्व ग्लूकोमा (काला मोतिया) सप्ताह आज से 

जिले में 12 मार्च से 18 मार्च तक चलेगा कार्यक्रम

- राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लगेंगे कैंप

- “आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराएं” की थीम पर मनाया जाएगा सप्ताह

मुजफ्फरनगर, 11 मार्च 2023 । राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 12 से 18 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा (काला मोतिया) सप्ताह मनाया जाएगा। जिसमें आंखों की जांच के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप का आयोजन किया जाएगा, काला मोतिया के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा जरुरत पड़ने पर चिन्हित मरीजों को ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया - विश्व ग्लूकोमा (काला मोतिया) सप्ताह प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में मनाया जाता है। शासन के दिशा-निर्देशों के क्रम में 13वां विश्व ग्लूकोमा (काला मोतिया) सप्ताह 12 से 18 मार्च तक मनाया जाएगा, जिसमें आंखों की जांच की जाएगी और काला मोतिया के बारे में जागरुक किया जाएगा। इस वर्ष “आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराएं” की थीम पर यह सप्ताह मनाया जाएगा। 

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया कि इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य ऑप्टिक तंत्रिका परीक्षण सहित नियमित आंखों की जांच के लिए लोगों को प्रोत्साहित करके ग्लूकोमा द्वारा होने वाले अंधेपन को समाप्त करना है। जिला अस्पताल में आई सर्जन डॉ. प्रेम ने बताया कि आँखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होने के साथ साथ काफी नाज़ुक होती हैं। आँखों को स्वस्थ रखने के लिए उनकी ठीक तरह से देखभाल करना अति आवश्यक है। लेकिन आजकल की दौड़ भाग वाली ज़िन्दगी में हम आँखों का ख्याल रखना भूल जाते हैं। बढ़ता हुआ प्रदुषण और अनुचित खान-पान भी हमारी आँखों को काफी नुक्सान पहुंचाता है। यही वजह है की आजकल 35-40 वर्ष की उम्र तक आते आते लोग आँखों की गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, काला मोतिया यानी ग्लूकोमा भी उन्ही में से एक है।

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लक्षण :

आंखों और सिर में तेज दर्द होना।

नज़र कमजोर होना या धुंधला दिखाई देना।

आंखें लाल होना।

रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखाई देना।

जी मिचलाना।

उल्टी होना।

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कारण :

उम्र बढ़ना (यह समस्या सामान्यता 40 साल से अधिक के लोगों को होती है, 60 के बाद इसका खतरा काफी बढ़ जाता है)।

काला मोतिया का पारिवारिक इतिहास।

कईं चिकित्सीय स्थितियां जैसे हाइपरथायरॉइडिज़्म, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, सिकल सेल एनीमिया, माइग्रेन आदि।

निकट दृष्टिदोष।

आंखों की सर्जरी।

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