बिजली कर्मियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट सख्त

सरकार से कहा- हड़ताल करने वालों का वेतन रोक, करें नुकसान की भरपाई

प्रयागराज।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मियों की हड़ताल पर कठोर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि कर्मियों की हड़ताल 6 दिसंबर 22 के आदेश की अवहेलना है। कहा कि जनता को बिजली चाहिए, सरकार की जिम्मेदारी है कि‍ वह आपूर्ति कराए।
सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि‍ हड़ताल से करीब 20 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस पर कोर्ट ने कहा हड़तालियों के वेतन रोक कर क्यों न हो नुकसान की भरपाई। सरकार को भी फटकार लगाई कि हड़तालियों पर 600 एफआइआर दर्ज की गई साथ ही वारंट जारी किया तो गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ कर रही है। अपर मुख्य सचिव पावर विभाग ने अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल किया।

मऊ के मुख्य अभियंता सहित 72 पदाधिकारी निलंबित

लखनऊ।

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के गृह जनपद मऊ और आजमगढ़ आदि जनपदों की हड़ताल में फेल हुई बिजली व्यवस्था के जिम्मेदार मुख्य अभियंता अनिल कुमार सिंह निलंबित किए गए।
इसके साथ ही हड़ताली संगठनों के 72 पदाधिकारी निलंबित किए गए। सभी परियोजनाओं के 71 पदाधिकारियों की एफआईआर और सस्पेंड कर अन्य परियोजना/लखनऊ मुख्यालय से अटैच करने के आदेश लखनऊ मुख्यालय के जीएम एचआर ने जारी कर दिए हैं।
मामले में कानपुर के छह अवर अभियंता और दो सहायक अभियंता भी निलंबित किए गए हैं। सभी आदेश 20 मार्च के हैं मगर बैक डेट में कार्रवाई की गई है।

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