सुभारती विश्वविद्यालय तथागत बुद्ध की शिक्षाओं को पल्लवित करने का उत्कृष्ट कार्य कर रहा है - मुख्य अतिथि, यिमडाम सियो यूयीहयून, दक्षिण कोरिया


सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना के पांच वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन


मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना के पांच वर्ष पूर्ण होने पर जी - 20 श्रृंखला के अंतर्गत भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दक्षिण कोरिया के अति विशिष्ट बौद्ध प्रतिनिधि मण्डल का सुभारती विश्वविद्यालय आगमन पर भव्य स्वागत किया गया।

सुभारती विश्वविद्यालय के बोधि उपवन पहुंचकर दक्षिण कोरिया के बौद्ध प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों ने प्रार्थना की। दक्षिण कोरिया के धर्मगुरु यिमडाम सियो यूयीहयून एवं प्रतिनिधि मण्डल में शामिल बौद्ध संत व सदस्यों सहित सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज के बौद्ध विद्वानों द्वारा दीप शाला में दीप प्रज्वलन किया। सुभारती समूह की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के चित्र के समक्ष सभी ने दीप प्रज्जवलन करते हुए उन्हें नमन किया। प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों द्वारा प्राचीन बोधि वृक्ष पर विश्व शान्ति एवं सुभारती समूह की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर हेतु विशेष प्रार्थना की गई।

मांगल्या प्रेक्षागृह में दूसरे सत्र में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ तथागत बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया के धर्मगुरु यिमडाम सियो यूयीहयून, दक्षिण कोरिया की बुद्धिस्ट संस्था की अध्यक्ष ली ओके हॉक, सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती स्तुती नारायण कक्कड, कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के.थपलियाल, सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डा. हिरो हितो ने दीप प्रज्जवलन कर किया।

सुभारती फाइट आर्ट कॉलेज के नेतृत्व में विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत किया गया।

मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया के धर्मगुरु यिमडाम सियो यूयीहयून ने सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना के पांच वर्ष पूर्ण होने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब से पांच वर्ष पूर्व वह सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना हेतु 14 बौद्ध देशों के प्रतिनिधि मण्डल के साथ सुभारती विश्वविद्यालय में आए थे। उन्होंने कहा कि आज सुभारती समूह बौद्ध धर्म को पल्लवित करते के साथ मानव कल्याण हेतु उत्कृष्ट कार्य कर रहा है, यह बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध की शिक्षाएं समाज में समानता स्थापित करने के साथ मानव मूल्यों को बढ़ाने वाले रही है। उन्हांने सुभारती समूह के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण को बधाई देते हुए कहा कि सुभारती समूह ने तथागत बुद्ध के संदेश को विश्व उत्थान हेतु समाज में स्थापित करने का गौरवशाली कार्य किया है। उन्हीं की प्रेरणा के विद्यार्थियों को अपने जीवन में सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।


सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती स्तुती नारायण कक्कड ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध ने मानवता के कल्याण हेतु जो पंचशील का सिद्धांत के रूप में जीवन मंत्र दिया है, उसी को अपना कर मानव अपना सर्वांगीण कल्याण कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन सभ्यता के प्रतीक तथागत गौतम बुद्ध है और उनके द्वारा पूरे संसार को शान्ति के साथ उन्नति करने एवं करुणा के साथ जीवन जीने की शिक्षा दी गई है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा तथागत बुद्ध की शिक्षाओं एवं बौद्ध इतिहास व सभ्यता के प्रचार प्रसार हेतु किये जा रहे कार्यो से प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों को रूबरू कराया। उन्होंने भारत दक्षिण कोरिया के मधुर सम्बंधों की कामना करते हुए प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों शुभकामनाएं दी।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के.थपलियाल ने दक्षिण कोरिया के बौद्ध प्रतिनिधि मण्डल का सुभारती परिवार की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच पिछले पचास वर्षो से गहरे सम्बन्ध है। दोनों देश एक दूसरे के विकास हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में सुभारती विश्वविद्यालय तथागत बुद्ध के आदर्शों को आत्मसात करते हुए मानव विकास एवं शान्ति हेतु कार्य कर रहा है। उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों को सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से रूबरू कराया।

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डा. हिरो हितो  सुभारती बौद्ध शिक्षण केन्द्र के स्थापना के पांच वर्ष सफलता से पूर्ण होने पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज में तथागत गौतम बुद्ध के विचारों को प्रेम, करुणा एवं मैत्री के भाव से प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वियतनाम, म्यांमार श्रीलंका, भूटान, नेपाल, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया आदि देशों के विद्यार्थी सुभारती बुद्धिस्ट स्टडीज में अध्ययन कर रहे है। उन्होंने बताया कि सुभारती बोधि उपवन में प्राचीन बोधि वृक्ष को विश्व बौद्ध संगठन एवं बौद्ध धर्म गुरूओं की मान्यता प्राप्त है, जिसके दर्शन हेतु विश्व भर से बौद्ध अनुयायी आते है। उन्होंने दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों को सुभारती विश्वविद्यालय की गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रणाली एवं बौद्ध धर्म को संरक्षित करने की दिशा में किये जा रहे कार्यो से रूबरू कराया। कार्यक्रम में कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड, इंग्लैंड, नीदरलैंड, नेपाल, भूटान आदि सहित भारत के विभिन्न राज्यों से आए बौद्ध प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों ने सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज को स्थापना के पांच वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी।
 
इस अवसर पर दक्षिण कोरिया के धर्मगुरु यिमडाम सियो यूयीहयून एवं दक्षिण कोरिया की बुद्धिस्ट संस्था की अध्यक्ष ली ओके हॉक को सुभारती परिवार की ओर से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में शरीर को स्वस्थ रखने में अध्यात्म की भूमिका पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें इंग्लैंड से आए बौद्ध विद्वान फौंग सोन फेम ने शरीर को स्वस्थ रखने में अध्यात्म की भूमिका पर व्याख्यान दिया।

धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति डा. अभय शंकरगौड़ा ने दिया।
मंच का संचालन डा. मनीषा त्यागी, पल्लवी त्यागी एवं दक्षिण कोरिया की ओर से अनुवाद के रूप में लीसी रेन ने किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, बौद्ध विद्वान डा. चन्द्रकीर्ति भंते, डा. पिंटू मिश्रा, डा. मनोज कपिल, डा. आर.के.घई, डा. महावीर सिंह, डा. मनोज त्रिपाठी, डा. अनोज राज, डा. एससी थलेडी, डा. भावना ग्रोवर, डा. सीमा शर्मा, आलोक कुमार, प्रवीण कुमार, समीर सिंह, राज कुमार सागर सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।


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