सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान में मिले 198 नये रोगी

बलगम जांच में 128 और क्लीनिकल डायग्नोसिस के बाद एक्स-रे से 70 क्षय रोगियों की हुई पहचान

मेरठ, 7 मार्च 2023। शासन के निर्देश पर 20 फरवरी से पांच मार्च तक चले सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान में 198 क्षय रोगी खोजे गए हैं। पहले चरण में चार दिन तक आवासीय संस्थानों में अभियान चलाए जाने के बाद 24 फरवरी से 298 एसीएफ टीम ने घर-घर जाकर कुल 8.7 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की। स्क्रीनिंग के दौरान एसीएफ टीम ने कुल 1776 लोगों में टीबी से मिलते जुलते लक्षण पाए और मौके पर ही स्पुटम (बलगम) का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा। स्पुटम जांच में कुल 128 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई, जबकि क्लीनिकल डायग्नोसिस के बाद एक्स-रे कराए जाने पर 70 लोगों में क्षय रोग की पुष्टि हुई। इस तरह अभियान में 198 नये क्षय रोगी मिले।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने बताया - जनपद के मलियाना ,साबुन गोदाम,लक्खीपुरा, तारापुरी,इस्लामाबाद, जाहिदपुर ,पुलिस लाइन क्षेत्र में एसीएफ के दौरान बड़े पैमाने पर टीबी जांच कराई गई। इन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा क्षय रोगी मिले हैं। उन्होंने बताया - एसीएफ में उन्हीं क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया जाता है जहां अधिक रोगी होने की  आशंका होती है। अधिक से अधिक रोगी खोजे जाने के बाद टीबी का फैलाव रोकने में मदद मिलती है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. गुलशन राय ने बताया - एसीएफ के दौरान जनपद में कुल 198 क्षय रोगियों को खोजकर उपचार शुरू कर दिया गया है।

डीटीओ ने जनपद वासियों से अपील की है कि टीबी से मिलते - जुलते लक्षण होने पर जांच अवश्य कराएं। दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, सीने में दर्द, वजन कम होना, बुखार रहना और रात में सोते समय पसीना आना, टीबी के लक्षण हो सकते हैं। डीटीओ ने बताया जनपद में सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है। जांच में पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाता है और उपचार शुरू होने के दो सप्ताह बाद रोगी के साथ रहने वाले अन्य लोगों को संक्रमण की संभावना न के बराबर रहती है। टीबी का फैलाव रोकने के लिए जल्दी जांच और उपचार शुरू होना जरूरी है।

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