रामचरित मानस की चौपाई से स्वस्थ हो रहे मरीज

जिला अस्पताल का मन कक्ष मरीजों के लिए साबित हो रहा वरदान
 मेरठ। एक तरफ राजनीतिक दल रामचरित मानस पर टिका टिप्पणी कर रहे है। वहीं दूसरी ओर राम चरित मानस की चौपाई मानसिक रोगियों के लिये वरदान साबित हो रही है। यह बात हम नहीं कर रहे है।  जिला अस्पताल में बने मन कक्ष में आये  रोगियों  का   चौपाई के माध्यम से मानसिक रोगियों का उपचार इस बात के गवाह है।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में 2018  में चालू हुआ मन कक्ष मानसिक रोगियों के लिये वरदान साबित हो रहा है। रामचरित मानस व अन्य धर्मों के ग्रंथों के माध्यम से मानसिक रोगियों को ठीक करने का काम किया जा रहा है। इसके लिये २० काउंसलर मन कक्ष में ऐसे मरीजों इन्हीं माध्यमों से उपचार कर रहे है। उपचार से काफी मानसिक रोगी स्वस्थ जिंदगी जी रहे है।
   डा . विभानागर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट ने बताया कि जिस प्रकार मानव शरीर में किसी प्रकार का कष्ठ आ जाने से वह अपने कार्य को कुशलता से करने में असक्षम होता है। उसी प्रकार उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने पर भी वह अपने कार्य का कुशलता से करन में असक्षम होता है। आज के तनाव भरे जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ -साथ मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने, उनके मानसिक स्वास्थ्य संबधी भ्रमों को दूर करने एवं समाज के अंतिम व्यक्ति तक मानसिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना अति आवश्यक है। इसी को देखते हुए वर्ष 2018 में मन कक्ष की शुरुआत की गयी थी। उन्होंने बताया  मन कक्ष में प्रतिदिन 20 से 30 मानसिक रोगी आते। जिसमे सभी धर्माे के मानसिक रोगी होते है। उन्होंने बताया हर धर्म के अनुसार उनके ग्रन्थ जैसे बाइबल , रामचरित मानस ,सूर्य यासीन के के माध्यम से मानसिक रोगी को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने एक तरफ दवाई तो दूसरी तरफ रामचरित मानस की चौपाई ,बाइबिल आदि के बताया गये उपदेशों के माध्यम से मरीज ठीक हो रहे है। उन्होंने बताया जिले के अन्य सीएचसी व पीएचसी पर इसी थेरेपी के माध्यम से मरीजों को ठीक किया जा रहा है। उन्होंने बताया यह एक सरकार का कार्यक्रम है। जिसको आगे बढ़ाने का काम उनके द्वारा किया जा रहा है।
 एक मानसिक मरीज की काउंसलिंग करने में  कम से कम मरीज को २० बार आना पड़ता है। इसके बारे में उन्होंने बताया कि मानसिक को उस विकार से निकालने के लिये कम से कम २० बार काउंसलिंग अति आवश्यक है। 

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