17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन

एक शहर नहीं, दौर है इंदौरः पीएम मोदी
नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चार साल के बाद इस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। मैं 130 करोड़ भारतवासियों के ओर से आपका यहां स्वागत करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक अलग पहचान स्थापित की है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है, अभी कुछ महीने पहले ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं। यहां स्वतंत्रता संग्राम की प्रदर्शनी लगाई गई है। देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। हम भारत के ग्लोबल विजन को और मजबूत करेंगे।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत का उदय हो रहा है। वहीं, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां के निधन पर शोक भी व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को बधाई दी। बता दें कि हर साल प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जाता है।
पीएम मोदी ने कमेमोरेटिव स्टांप जारी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने मध्य प्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कमेमोरेटिव स्टांप जारी किया।
प्रवासी कोष बनाया जाना चाहिएः संतोखी
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने कहा कि क्षेत्र में प्रवासी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए प्रवासी कोष बनाया जाना चाहिए। हमारे देश के विभिन्न स्थानों में प्रशिक्षण केंद्रों, स्कूलों की स्थापना हिंदी भाषा सीखने के साथ-साथ धर्मों और संस्कृति और हमारी परंपरा के बारे में जानने के लिए शुरू की जानी चाहिए।
संतोखी ने कहा कि कैरेबियाई और भारतीय समुदाय के लिए भारतीय संस्‍थान की स्‍थापना कैरेबियाई क्षेत्र में हिंदी, संस्‍कृति आदि में प्रशिक्षण के लिए की जा सकती है। कैरेबियाई क्षेत्र में फिल्‍म उद्योग को समर्थन देने के लिए अकादमी की स्‍थापना की जा सकती है, जहां प्रवासी युवाओं को प्रतिभा दिखाने, योग, आयुर्वेद में प्रशिक्षण, जीवन के रूप में आध्‍यात्मिकता दिखाने का अवसर प्राप्‍त हो सकता है।

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