टीबी स्क्रीनिंग बढ़ाने के हो रहे प्रयास

- संयुक्त जिला चिकित्सालय में हुआ चिकित्सकों और स्टाफ नर्स का संवेदीकरण

- ओपीडी में आने वाले रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग पर जोर देने के निर्देश

हापुड़, 25 जनवरी, 2023। क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। टीबी स्क्रीनिंग बढ़ाने के उद्देश्य से बुधवार को दस्तोई रोड स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय के सभागार में चिकित्सा अधिकारियों और स्टाफ नर्स का संवेदीकरण किया गया।

संवेदीकरण सत्र में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम और टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने संवेदीकरण कार्यक्रम में जिले भर से पहुंचे सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि उनकी फेसिलिटी (स्वास्थ्य केन्द्रों) की ओपीडी में आने वाले रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग भी की जाए। यदि किसी रोगी में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण हैं तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जाए।



जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया - दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसी में बलगम या खून आना, वजन कम होना, बुखार, सीने में दर्द और रात में सोते समय पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ओपीडी में आने वाले किसी रोगी में यदि यह लक्षण मिलें तो टीबी की जांच अवश्य कराएं।

कार्यक्रम के दौरान सांस (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रेलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) अभियान को लेकर भी संवेदीकरण किया गया। इस अभियान का उद्देश्य पांच वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान और जागरूकता बढ़ाना है ताकि ‌ शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

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