प्रेमिका का सौन्दर्य
दिल में एक तान जगी, प्रेम भावना से सजी
दिल में एक तान जगी, प्रेम भावना से सजी
रूप तेरा है सुनेहरा, मन तेरा है छबीला
प्रेम तेरा है अधूरा, रूप तेरा अति सुनहरा
चाहत है की प्रेम की, तस्वीर बनाऊं
कन्हैया जी के रास का, कोई गीत बनाऊं।।
प्रेम की अद्भुत मिसाल, तूने दे डाली
इसीलिए पूज रहे, तुमको बिहारी
द्वापर में आकर प्रेम का, राग बजाया
कलयुग में भी उस राग का, मंत्र चलाया
मोह लिया रुप रुप को, तुमने बिहारी
मासूमों को भेंट किया, प्रेम फुलवारी
मासूमों को भी दे दिया, प्यार का यह रोग
मर रहे युवा अब, कर करके यह वियोग
कलयुग सा प्रेम, किसी युग में, ना हुआ कभी
प्रेम करने वाले, लोग, प्रेम निभाते ना कभी ।।
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- संजय कुमार श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी
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