सबक लेने की जरूरत
चीन में हालात बेकाबू हो गये हैं। चीन के अस्पताल कोरोना संक्रमितों से भरे हैं और बड़ी संख्या में लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं। कुल मिलाकर स्थिति भयावह है। आशंका जतायी जा रही है कि चीन में कोरोना की तीन लहरें आएंगी जिसमें लाखों लोगों के मरने की आशंका जतायी जा रही है। दरअसल, इस भयावह संकट से चीन का हेल्थ सिस्टम ही चरमरा गया है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में शवों के पड़े होने की बात पश्चिमी मीडिया में कही जा रही है। हालांकि, चीन में सूचना माध्यमों पर सख्त पहरा होने के कारण ठीक-ठीक आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ संकट को बड़ा बता रहे हैं। दरअसल, सर्दियों के कारण स्थिति के भयावह होने की आशंका जतायी जा रही हैं। स्कूल-काॅलेज बंद करने के आदेश दिये गये हैं। कहा जा रहा है कि ज़ीरो कोविड नीति में ढील देने के कारण स्थितियां खराब हुई हैं। ऐसा नहीं है कि केवल चीन में ही हालात खराब हुए हैं जापान व दक्षिण कोरिया में भी लाखों की संख्या में संक्रमितों के सामने आने की बात कही जा रही है। दरअसल, चीन समेत कई देशों में टीकाकरण के लक्ष्य पूरे नहीं हुए हैं। चीन में अस्सी साल से अधिक के आधे लोगों को ही तीन डोज मिल पायी हैं। संकट यह भी है कि चीन की वैक्सीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य देशों की वैक्सीन के मुकाबले कम बतायी जा रही है। ऐसा नहीं है कि भारत पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया है। हाल के दिनों में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई। बीच-बीच में कुछ खास लोगों के संक्रमित होने की चर्चा तो मीडिया में होती है, लेकिन आम आदमी की क्या स्थिति है कहना कठिन है। एक तो संक्रमण के आंकड़ों की पूरी तरह निगरानी होती नजर नहीं आ रही है। दूसरे, सरकारें भी अपनी सुविधा से आंकड़ों को उजागर करती हैं। लेकिन हाल के दिनों में ठंड की शुरुआत में बड़ी संख्या में लोगों के बुखार-खांसी से पीड़ित होने के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। यह घातक तो नहीं नजर आया लेकिन इसका प्रभाव सामान्य वायरल से अधिक देखा गया। बहरहाल, इतना तो कहा जा सकता है कि यह निष्कर्ष देना जल्दबाजी होगी कि देश से कोरोना वायरस हमेशा के लिये चला गया है। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि कोरोना संकट के दौरान बचाव के जिन उपायों पर हमने भय से अमल किया था, वे आदतें हमारे जीवन का हिस्सा बन जानी चाहिए। खासकर सफाई, मास्क व सुरक्षित दूरी का परहेज भी हमें किसी आशंका से दूर कर सकता है। हमें दुनिया के कई देशों में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। साथ ही हर नागरिक को अपने स्तर पर जिम्मेदार व्यवहार के जरिये इस चुनौती के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

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