महिलाओं के खिलाफ भेदभाव एवं हिंसा के विषय पर जागरूकता पखवाड़ा आयोजित
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न की आंतरिक शिकायत समिति एवं लॉ कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खत्म करना एवं महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के विषय पर जागरूकता पखवाड़ा आयोजित किया गया।
पखवाड़ा सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के.थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज के दिशा निर्देश में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न की आंतरिक शिकायत समिति की पीठासीन अधिकारी डा. रीना विश्नोई, लॉ कॉलेज के डीन डा. वैभव गोयल भारतीय, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, डा. शुभांगी गुप्ता, डा. संगीता दयाल सहित सभी सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
डा. वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा के विरोध में सभी को एकजुट होना चाहिए। जिसमें सबसे पहले महिलाओं को शिक्षित होकर जागरूकता के साथ अपने अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर-बाहर, कार्यस्थलों आदि पर सुरक्षित वातावरण की स्थापना करने में सभी को पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हर तरह की हिंसा समाप्त करने के लिए सिर्फ सरकारों की नहीं बल्कि आम जन की भी असली भागीदारी होनी चाहिए।
उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय की महिला उत्पीड़न की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा छात्राओं के हित में किये जा रहे कार्यो से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि पखवाड़ा आयोजित करने का उद्देश्य समाज में जागरूकता पैदा करना है ताकि महिलाएं अपने अधिकारों को पहचान कर सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकें।
कार्यक्रम की पीठासीन अधिकारी डा. रीना विश्नोई ने महिला उत्पीड़न की आंतरिक शिकायत समिति कार्यो से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि समिति में 13 सदस्य है, जो विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज, विभाग एवं हॉस्टल में जाकर सभी विद्यार्थियों को जागरूकता प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि पखवाड़ा ऑनलाइन माध्यम से भी आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय छात्राओं की सुरक्षा हेतु सजगता के साथ कार्य कर रहा है और सभी को जागरूक करके महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर संजु सोलंकी, रेनू चौधरी, मनप्रीत, अनीता राणा, निशा सिंह, डा. प्रिया देवी, मुस्कान शर्मा, आशीष चंद्रा, ब्रह्मपाल सिंह आदि सदस्यों का योगदान रहा।


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