मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर ने 22 मीटर की ऊंचाई पर क्रॉस किया ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

मेरठ। मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर ने लगभग 22 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली-मेरठ रोड के ऊपर से गुज़र रहे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) को सफलतापूर्वक क्रॉस कर लिया है। इस प्रक्रिया के तहत ईडीएफसी पर वायाडक्ट स्पैन के सेगमेंट्स स्थापित किए गए हैं। आरआरटीएस कॉरिडोर, ईडीएफसी को मेरठ के मोहिउद्दीनपुर क्षेत्र में क्रॉस कर रहा है।


दिल्ली-मेरठ रोड पर मोदी नगर की सीमा पार करने के बाद, मेरठ साउथ स्टेशन से थोड़ा पहले ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ रोड को क्रॉस कर रहा है। इस कॉरिडोर से भारतीय रेल की मालगाड़ियाँ गुजरेंगी। यहां सबसे नीचे दिल्ली-मेरठ रोड, उसके ऊपर ईडीएफसी और उसके ऊपर आरआरटीएस कॉरिडोर है।


82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर यह एक मात्र ऐसा स्थान होगा, जहां एक व्यस्ततम सड़क मार्ग के ऊपर से भारतीय रेल और फिर उसके ऊपर से आरआरटीएस ट्रेनों के एक साथ गुजरने का नज़ारा दिखाई देगा।


यहां ईडीएफसी को पार करने के लिए आरआरटीएस के पिलर्स की ऊंचाई भी बढ़ाई गई है। ईडीएफसी के दोनों ओर दो पिलर्स बनाकर वायाडक्ट स्पैन के सेगमेंट्स को स्थापित किया गया है। इन दोनों पिलर्स के बीच 34 मीटर का दूरी है।


इस प्रक्रिया को दिल्ली-मेरठ रोड पर यातायात विभाग के सहयोग से पूर्ण किया गया। इस दौरान इस क्षेत्र में वाहनों का प्रवाह सामान्य बना रहा। 


मोदी नगर की ओर से वायाडक्ट निर्माण करती आ रही तारिणी ने ईडीएफसी को पार किया है और अब यह तारिणी मेरठ साउथ स्टेशन की दिशा में वायाडक्ट निर्माण करेगी। इस स्पैन की स्थापना से मेरठ कि दिशा में वायाडक्ट निर्माण अगले चरण में पहुंच गया है। 



मेरठ साउथ स्टेशन लोगों के लिए खास होगा चूंकि यहीं से मेरठ वासियों के लिए मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। मेरठ साउथ स्टेशन के बाद मेरठ में मेट्रो के परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रहमपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली मेरठ नॉर्थ मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन होंगे।



उल्लेखनीय है कि 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में इस वर्ष मार्च में आरआरटीएस ट्रेनें संचालित करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रायोरिटी सेक्शन को तेजी से तैयार किया जा रहा है। इस निर्माण कार्य में एनसीआरटीसी की टीमें रात-दिन कार्य में में जुटी हुई हैं।



एनसीआरटीसी भारत की प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का कार्यान्वन कर रहा है जो एक रेल-आधारित, हाई-स्पीड, हाई-फ़्रीक्वेंसी रीजनल कम्यूटर ट्रांज़िट सिस्टम है। इसकी डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटे और औसत गति 100 किमी प्रति घंटे है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा संचालित, आरआरटीएस एनसीआर में परिगमन के ग्रीन मोड के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करना है।

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