(बाल दिवस 14 नवंबर पर विशेष)


बच्चों को तलाश है एक नए चाचा नेहरू की

- शिवचरण चौहान
 जन्मदिवस चाचा नेहरू का, बाल दिवस कहलाता।
जिनका हम बच्चों से हरदम, रहा मित्रवत नाता।।
कवि की ये पंक्तियां चाचा नेहरू और बच्चों के प्रेम को दर्शाती हैं।

चाचा नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कहा जाता है जिनका जन्म 14 नवंबर 18 89 को इलाहाबाद में हुआ था। आज चाचा नेहरू को हर कोई गाली दे रहा है। उन्हें भारत को बर्बाद करने वाला कहा जा रहा है। इस समय कुछ लोगों के निशाने पर गांधी और नेहरू हैं। गांधी-नेहरू गद्दार हैं और सरदार पटेल सरदार। यह सच है की आजादी के बाद कांग्रेस ने सबसे ज्यादा मत देकर सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपनी राय दी थी, लेकिन गांधी जी के हस्तक्षेप से जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री हुए। पर नेहरु जी ने भारत के विकास के लिए बहुत कार्य किए हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।  
बच्चों के लिए नेहरू जी ने सन 1948 में जो शुरुआत की थी वह तो आज तक कोई नहीं कर पाया। आज तक कोई बच्चों का दूसरा प्यारा चाचा नेहरू नहीं बन पाया। बात कोई भी कितने कर ले। यह भी तय है कि जितने दिन जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री रहे उतने दिन गैर कांग्रेसी कोई प्रधानमंत्री नहीं रह पाएगा। पांच साल की सत्ता अब 5 साल चल पाएगी। अब सत्ता पाना सेवा का काम नहीं, व्यापार बन गई है। सत्ता पाकर अधिकांश सांसद विधायक मंत्री अपना घर भरना चाहते हैं।



 तो बात हो रही थी चाचा नेहरू की। आज कोई बच्चों को दूसरा चाचा नजर नहीं आता। बच्चे मतदाता नहीं होते हैं इसी कारण उनकी ओर कोई ध्यान नहीं देता। तभी तो आज भी लाखों बच्चे स्कूल नहीं जाते होटलों और ढाबों में जूठे बर्तन धोते हैं। ईट भट्ठा में काम करते। कचरे से रद्दी बीनते हैं । भीख मांगते हैं और खतरनाक उद्योगों में काम करते हैं। हमारी सरकार कहती है बाल कल्याण कर रहे हैं।
 जवाहरलाल नेहरू एक बार तमिलनाडु के दौरे पर गए थे । वहां हजारों लोग सड़क के किनारे खड़े होकर नेहरू जी के देख रहे थे। इनमें गुब्बारे  बेचने वाला बच्चा भी था जो पंजों के बल उचक उचक कर नेहरू जी को देख रहा था। नेहरू जी ने गाड़ी रुकवाई और उस बच्चे के पास गए फिर उसके सारे गुब्बारे खरीद कर बच्चों को बांट दिए। और उस दिन से जवाहरलाल नेहरू बच्चों के चाचा नेहरू हो गए।
चाचा नेहरू बच्चों को भारत का भविष्य कहते थे आज के नेता भी चाहते हैं किंतु जितना कुछ बच्चों के लिए जवाहरलाल नेहरू ने किया आज तक कोई नहीं कर पाया। बच्चों के लिए बाल भारती पत्रिका, दिल्ली में गुड़िया घर, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट नेशनल बुक ट्रस्ट प्रकाशन विभाग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जैसे ना जाने कितने कार्य चाचा नेहरू ने बच्चों के भलाई के लिए किए हैं। उसका एक अंश भी कोई गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री नहीं कर पाया फिर भी चाचा नेहरू गाली खा रहे हैं। पिता के पत्र पुत्री के नाम उनकी अनमोल धरोहर है जिसे पढ़कर बच्चे आज भी प्रेरणा  ले सकते हैं।
 हम सबके हैं प्यारे चाचा।
प्यारे राज दुलारे चाचा।।
अपना जन्म दिवस बच्चों के
नाम कर गए प्यारे चाचा।।

नेहरू जी को जितनी लोकप्रियता बड़ों में मिली थी उतनी ही लोकप्रियता बच्चों में मिली थी। नेहरू जी बच्चों के पत्रों का अवश्य जवाब देते थे। पर आज के प्रधानमंत्री किसी के भी पत्र का जवाब नहीं देते? उनके स्टाफ की तरफ से जवाब दिए जाते हैं।
जवाहरलाल नेहरू बनना और उससे भी बढ़कर चाचा नेहरू बनना आसान नहीं बहुत कठिन है। कोई बच्चों का चाचा नेहरू बनकर तो दिखाए! बहुत दिनों से भारत के बच्चों को एक नए चाचा नेहरू की तलाश है। कोई है जो आगे आएगा बच्चों का चाचा बनने।
(स्वतंत्र लेखक, कानपुर)

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