अच्छी बात : अधिक लोगों तक पहुंच रहीं परिवार नियोजन सेवाएं

-         करीब साढ़े तीन गुना बढ़ी महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी भी ढाई गुना बढ़ीं

-         पिछले वर्ष के मुकाबले छह माह में 5884 अधिक लगे गर्भनिरोधक इंजेक्शन “अंतरा” 

गाजियाबाद, 02 नवंबर, 2022। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट बताती है कि लोगों में परिवार नियो‌जन के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पहली छमाही की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन अपनाने वाले लाभार्थियों की  संख्या बढ़ी है, निःसंदेह यह बढ़ती जागरूकता का ही असर है। जिले में तीन गुना से अधिक महिला नसबंदी हुईं तो पुरुष नसबंदी का आंकड़ा भी ढाई गुना ज्यादा रहा। इसी तरह परिवार नियोजन के अस्थाई साधन भी अधिक अपनाए गए। दीर्घकालिक अस्थाई परिवार नियोजन साधनों में आईयूसीडी पिछले वर्ष के मुकाबले 1081 और पीपीआईयूसीडी 1086 अधिक महिलाओं ने लगवाईं। 

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन की लाभार्थियों में भी अच्छा खासा इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष पहली छमाही में जहां केवल 2965 महिलाओं “अंतरा” अपनाया था वहीं इस वर्ष अप्रैल से सितंबर के मध्य अंतरा अपनाने वाली महिलाओं की संख्या 8849 रही। यानि “अंतरा” लाभार्थियों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले 5884 अधिक रही। डा. गुप्ता का कहना है कि हर माह की 21 तारीख को “खुशहाल परिवार दिवस” के मौके पर और बृहस्पतिवार को अंतराल दिवस के मौके पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर न केवल परिवार नियोजन के बारे में परामर्श दिया जाता है बल्कि परिवार नियोजन सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा किसी भी कार्य दिवस पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर या फिर स्थानीय आशा कार्यकर्ता से भी परिवार नियोजन कार्यक्रम की जानकारी ली जा सकती है।


नोडल अधिकारी ने बताया वर्ष 2021-22 में अप्रैल से सितंबर माह के दौरान भोजपुर और मोदीनगर ब्लॉक में कुल नौ महिला नसबंदी हुई थीं, इस वर्ष यह आंकड़ा 68 रहा। इसी तरह जिला महिला चिकित्सालय में पिछले वर्ष हुईं 99 महिला नसबंदी के मुकाबले इस वर्ष 196, संयुक्त जिला चिकित्सालय में दो के मुकाबले 50, लोनी ब्लॉक में 34 के मुकाबले 144, मुरादनगर ब्लॉक में 18 के मुकाबले 55,  रजापुर ब्लॉक में 10 के मुकाबले 42, शहरी क्षेत्र व निजी चिकित्सालयों में 44 के मुकाबले 187 महिला नसबंदी हुईं। पुरुष नसबंदी की बात करें तो पिछले वर्ष पहली छमाही में लोनी में एक और इस वर्ष 10 नसबंदी हुईं। इसी तरह मुरादनगर में पिछले वर्ष की नौ पुरुष नसबंदी के मुकाबले इस वर्ष 12 हुईं।


दीर्घकालिक अस्थाई साधन के रूप में पिछले वर्ष भोजपुर-मोदीनगर में 321 आईयूसीडी के मुकाबले इस वर्ष 400, जिला महिला चिकित्सालय में 116 के मुकाबले 263, संयुक्त जिला‌चिकित्सालय में शून्य के मुकाबले 31, लोनी में  996 के मुकाबले 822, मुरादनगर में 848 के मु‌‌‌काबले 567, रजापुर में 276 के मुकाबले 731, शहरी क्षेत्र व निजी चिकित्सालयों में 2908 के मुकाबले 3732 आईयूसीडी लगवाई गईं। कुल मिलाकर जनपद में इस वर्ष 1081 आईयूसीडी ज्यादा प्रयोग हुई, जबकि पीपीआईयूसीडी की संख्या भी पिछले वर्ष मुकाबले 1086 अधिक रही। 


तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन “अंतरा” अपनाने वाली महिलाओं की संख्या पिछले वर्ष जहां अप्रैल से सितंबर के मध्य कुल 2965 रही, वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 8849 हो गई। भोजपुर और मोदीनगर ब्लॉक में पिछले वर्ष पहली छमाही के दौरान जहां मात्र 202 “अंतरा” लगाए गए थे इस वर्ष 518 महिलाओं ने “अंतरा” अपनाया। जिला महिला चिकित्सालय में 105 के मुकाबले 230, संयुक्त जिला चिकित्सालय में शून्य के मुकाबले 13, लोनी में 111 के मुकाबले 317, मुरादनगर में 540 के मुकाबले 746, रजापुर ब्लॉक में 109 के मुकाबले 619 और शहरी क्षेत्र व निजी चिकित्सालयों में 1898 के मुकाबले 6406 ”अंतरा” लगाए गए।

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