नयी तकनीक से मातृ व शिशु मृत्यु दर से मिल सकता है छुटकारा :- डा. उषा शर्मा
हारमनी इन में दो दिवसीय सैफ कॉन 2022 मेरठ ऑब्स एवं गायनिक पर वर्कशॉप का आयोजनमेरठ। देश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिये प्रयास जारी है। शनिवार को गढ रोड स्थित एक होटल में मेरठ ऑब्स एंड गायनी सोसाइटी तत्वावधान में दो दिवसीय सेफ कॉन २०२२ वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य सेफ मदरहुड है । प्रथम दिन देश से आये विशेषज्ञों ने नयी तकनीक के बारे में वर्कशॉप में आए चिकित्सकों को जागरूक किया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष डा भारती माहेश्वरी ,गाजियाबाद से आयी नार्थ जोन उपाध्यक्ष डा अर्चना वर्मा, पद्मश्री पूर्व मेडिकल कॉलेज प्राचार्य उषा शर्मा , सचिव डा प्रियंका गर्ग,उड़ीसा के कटक से डा पीसी महापात्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
सचिव डा .प्रियंका गर्ग ने बताया दो दिवसीय चलने वाली कार्यशाला में यूपी, दिल्ली ,चंडीगढ, उड़ीसा ,हरियाणा आदि स्टेट से 200 से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे है। कार्यशाला के पहले दिन दिल्ली डीडीयू से आई डा शशि काबरा की टीम ने पीपीएच मैनेजमेंट पर चर्चा की। एवं पीपीएच मैनेजमेंट की प्रक्रिया का डेमोस्टे्रन किया। कार्यक्रम में अल्ट्रासाउंड पर विडियो के माध्यम से नयी तकनीक के बारे में विशेषज्ञों द्वारा बताया गया।
पूर्व प्राचार्य डा उषा शर्मा ने बताया वर्कशॉप का मकसद गर्भवती को होने बच्चें के दौरान महिला की किस प्रकार की बेहतर सुविधा दी जा सके। उन्होंने बताया मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लायी गयी है। इसे और अधिक कमी करना इस वर्कशॉप का मकसद है। सेफकॉन के माध्यम से चिकित्सक नयी -नयी तकनीक को जान सके। उन्होंने बताया शहर के 180 डॉक्टर प्रैक्टिशनर है। जो इस वर्कशॉप से जागरूक हो सकेगे। इसका आने वाले समय में चिकित्सा का लाभ मिलेगा।
अध्यक्ष डा भारती माहेश्वरी ने बताया दो दिन चलने वाले चलने वाली वर्कशॉप में मरीज को सुरक्षित उपचार करा जा सके। उन्होंने बताया वर्कशॉप में ऋषिकेश एम्स, लुधियाना, लखनऊ ,कानपुर आदि शहर से प्रोफेसर आकर लेक्चर देंगे। उन्होंने बताया कि 50 पोस्ट ग्रेजुएट ने अपने पेपर प्रस्तुत किए है। सभी का मकसद किसी भी तरह से मृत्यु दर को रोका जा सके।
डा अर्चना वर्मा ने बताया भारत एक विकासशील देश है। देश के परिवार ठीक से रह सके। इसके लिए इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। जिसका उनका बेहतर सुविधा दी जा सके।
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सचिव डा प्रियंका गर्ग ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य सेफ मदरहुड है। उन्होंने बताया साइंस में हमेशा से बदलाव होता रहे है। वर्तमान में आयी नयी तकनीक को कितनी बेहतर तरीके से मरीजों पर इस्तेमाल कर उनकी सुरक्षित बचाया जा सके।
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