सीएम ने ग्रेटर नोएडा को दी 1670 करोड़ की सौगात
बोले- पहले माफिया की चपेट में था गौतमबुद्धनगरअब घरों में आएगा गंगा जल
लखनऊ।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा को गंगाजल परियोजना समेत 1670 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं की सौगात दी। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-4 में सीएम योगी ने इन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। 85 क्यूसेक की गंगाजल परियोजना की शुरुआत होने के बाद घरों में स्वच्छ पीने योग्य जल की आपूर्ति संभव होगी।
सीएम योगी ने कहा कि साढ़े 5 वर्ष पहले ये पूरा क्षेत्र मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त माना जाता था, ये पूरा क्षेत्र विकास की योजनाओं में गिद्ध दृष्टि लगाए हुए माफिया की चपेट में थे जो यहां किसानों का एक ओर शोषण करते थे तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के नौजवानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते थे और अथॉरिटी से जुड़ी हुई धनराशि का दुरुपयोग करते थे। यहां की औद्योगिक इकाइयां यहां से पलायन कर रही थीं। पिछले साढ़े पांच वर्षों में गौतमबुद्धनगर की तस्वीर बदली है। इसमें जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता, पुलिस और प्रशासन ने एक टीम के रूप में परिणाम देना प्रारंभ किया तो यहां उत्तर भारत के पहला डाटा सेंटर का भी लोकार्पण हुआ।
उन्होंने कहा कि गौतमबुद्धनगर देश ही नहीं, विदेश में भी निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बन रहा है। पिछले साढ़े 5 वर्षों में यहां नई-नई चीजें आई हैं। मेट्रो यहां प्रारंभ हुई, एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है, फिल्म सिटी यहां बनने जा रही है, मेडिकल डिवाइस पार्क बनने जा रहा है और भी कई योजनाएं जल्द यहां आने जा रही हैं। ये क्षेत्र लाखों नौजवानों के लिए रोजगार, लाखों परिवारों को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने की ओर बढ़ रहा है।
गंगा मइया खुद स्वच्छ जल देने आ रही हैं घर
सीएम ने कहा कि अब तक लोग गंगा स्नान करने जाते थे, लेकिन अब गंगा मइया खुद लोगों के घर तक स्वच्छ जल देने आ गई हैं। 85 क्यूसेक गंगा जल यहां उपलब्ध होने जा रहा है। यहां पर 176 किमी. पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाया गया है, 5 एकड़ में 19 रिजर्व वायर का निर्माण हुआ। इस पर 376 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय हुई। 4 लाख लोग इसके माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कर पाएंगे।
बेईमानी में डूबी थी पॉलिटिकल लीडरशिप
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों की खामियों को इंगित करते हुए कहा कि अगर पिछली सरकारें होतीं तो ये डाटा सेंटर यहां कभी नहीं लग पाता। ये कमजोरी अथॉरिटी की नहीं, पॉलिटिकल लीडरशिप की थी, जो स्वयं बेईमानी में डूबी हुई थी। यहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं था। अब तस्वीर बदल रही है।
No comments:
Post a Comment