कार्तिक मेले के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसी

-          तीन नवंबर से काम करने लगेंगे अस्थाई चिकित्सालय

-          24 घंटे उपलब्ध रहेंगी आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं 

 

हापुड़, 31 अक्टूबर, 2022। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गढ़ मुक्तेश्वर में गंगा किनारे उत्तर भारत का बड़ा मेला लगता है। यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर कैंप करते हैं। मेले में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। हालांकि मेले में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन सही मायने में मेले की शुरुआत देव उठनी एकादशी से मानी जाती है। देव उठनी एकादशी चार नवंबर को है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया - देव उठनी एकादशी से एक दिन पहले तीन नवंबर से मेला परिसर में पांच अस्थाई चिकित्सालय काम करने लगेंगे। सदर अस्पताल 10 दस बेड का होगाइसके अलावा चार चिकित्सालय दो-दो बेड वाले होंगे। सभी चिकित्सालयों में 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी और 10 एंबुलेंस भी तैनात रहेंगी।

सीएमओ डा. त्यागी ने बताया बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया और डेंगू के मामले भी सामने आ रहे हैं। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए मेला परिसर में फॉगिंग के साथ - साथ सोडियम क्लोराइड का छिड़काव भी कराया जा रहा है। इसके साथ ही मेले के दौरान श्रद्धालुओं को लगातार मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि मलेरियाडेंगू एवं चि‌कनगुनिया मच्छर जनित बीमारियां हैं। मलेरिया एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर शाम से लेकर सुबह तक काटता है और साफ व ठहरे हुए पानी में पनपता है। डेंगू और चिकनगुनिया एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और कृत्रिम रूप से इकठ्ठा हुए पानी में पनपता है। 

मच्छरों से बचाव के लिए पानी जमा न होने दें। पानी की टंकी को पूरी तरह ढककर रखें। नालियों में जलभराव न होने देंउनकी नियमित रूप से सफाई करें। मच्छर रोधी उपाय अपनाएं। रात में सोते समय नियमित रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। पीने के पानी को उबालकर और छानकर पिएं। पानी को अच्छे से ढककर रखें। खुले में शौच न करें।

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