क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम बेहतर होंगी जांच व उपचार सेवाएं

-          क्षय रोग विभाग को पांच एसटीएस और तीन एलटी मिले

-          क्षय रोग मुक्त भारत अभियान के लिए बढ़ाया जा रहा स्टाफ

 

गाजियाबाद, 31 अक्टूबर, 2022। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त कराने का संकल्प लिया हैइस संकल्प के अनुरूप  जांच व उपचार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया- जनपद में अब रोजाना करीब एक हजार स्पुटम (बलगम) जांच होती हैं। जांच अधिक होने से क्षय रोगियों की पहचान होने में तेजी आएगी और समय से उपचार शुरू हो सकेगा। इससे क्षय रोग के फैलाव पर प्रभावी अंकुश लगेगा। दरअसल फेफड़ों की टीबी एक संक्रामक रोग है जो सांस के जरिए फैलता है। हर रोगी अपने जीवन काल में 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। लेकिन समय से उपचार शुरू होने पर इस बात की आशंका कम हो जाती है। 

सीएमओ डा. भवतोष ने बताया- जल्दी जांच और उपचार के जरिए ही टीबी संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में स्टाफ और सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. डीएम सक्सेना ने बताया जनपद को पांच सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) व तीन लैब टेक्नीशियन (एलटी) और मिले हैं। जनपद में पहले से 12 एसटीएस तैनात थेअब इनकी संख्या बढ़कर 17 हो गई है। जाहिर तौर एसटीएस की संख्या बढ़ने पर क्षय रोगियों को बेहतर उपचार सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। इसके साथ एलटी की संख्या बढ़ने से जांच में तेजी आएगी।

सीनियर लैब सुपरवाइजर संजय यादव ने बताया - जनपद में टीबी रोगियों की पहचान के लिए स्पुटम जांच बढ़ाई गई है। जांच अधिक होने से ज्यादा रोगियों की पहचान हो सकेगी। क्षय उन्मूलन के लिए जांच और उपचारदोनों पर जोर देना जरूरी है। स्टाफ बढ़ने से यह संभव हो सकेगा।

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