विजय दशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाला पथ संचलन

 शहर में 62 स्थानों पर 12 हजार स्वयंसेवकों ने लिया भाग
   मेरठ । विजय दशमी के अवसर पर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महानगर इकाई ने अलग.अलग नगरों में कार्यक्रम किये और लोगों में एकता और सद्भावना स्थापित करने का संदेश देने के लिए पथ संचलन निकाला। मेरठ महानगर के में 62 स्थानों पर पथ संचलन निकाला गया जिनमे 12 हजार स्वयंसेवकों ने भाग लिया।आरएसएस के इन कार्यकर्ताओं का पथ संचलन के दौरान लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया ।
पथ संचलन का आरंभ सावरकर नगर से आरंभ हुआ।वाल्मीकि धर्मशाला में लगने वाली सुदर्शन शाखा पर सावरकर नगर की सभी शाखाओं के स्वयंसेवक एकत्रित हुए फिर सम्पत के बाद गणगीत हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता धर्म जागरण मंच क्षेत्रीय प्रमुख ईश्वर दयाल रहे। ईश्वर दयाल ने भारत माता, डा. केशव राव बलीराम हेडगेवार, माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवकों ने अपने अपने शस्त्रों का पूजन भी किया। कार्यक्रम में देश भक्ति के गीत ने मानों इन तमाम स्वंयसेवकों में नई ऊर्जा भर दी हो।
हाथों में भगवा ध्वज और दण्ड लेकर जब ये तमाम स्वयं सेवक ने आलोक विहार, हो राम नगर, भगवतपुरा गौरी पुरा, ब्रह्मपुरी, गौतम नगर, गणेश पुरी से होते हुए भारत माता की जयघोष के नारों के साथ पथ संचलन किया। स्वयंसेवकों ने जब पथ संचलन किया तो संघ के घोष की ध्वनि सुनकर तमाम मौहल्ले के निवासी स्वागत के लिए अपने घरों से बाहर निकल गये। किसी ने अपने घर की छत पर खड़े होकर पुष्प वर्षा करते हुए इन स्वयंसेवकों का स्वागत किया तो किसी ने भारत माता की जयघोष के साथ गौरव बढ़ाया।
वही शहर के अन्य स्थानों पर पथ संचलन निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्वंयसेवकों ने भाग लिया।
मेरठ महानगर संघचालक विनोद भारतीय का कहना है कि वैसे तो संघ कई त्यौहार मनाता है लेकिन विजयदशमी का त्यौहार संघ के लिए अपने आप में खास महत्व रखता है। क्योंकि आज ही के दिन 1925 में संघ की स्थापना की गई थी। संघ को आज 97 वर्ष पूरे हो चुके हैंप् आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने रावण जैसे पापी का वध किया था तो आज ही मां दुर्गा ने महिषासुर को मार गिराया था। विनोद भारतीय का कहना है कि मेरठ महानगर में 62 जगह आज पथ संचलन निकाला गया है जिनमें 12 हजार स्वयंसेवकों ने भाग लिया है यह स्वयंसेवक जहां से भी गुजरे वहां लोगों में जोश भर गया और सभी के मुँह से निकला भारत माता की जय।

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