एक ही छत के नीचे आंतरिक्ष की पढाई कर रहे छात्र -छात्राएं

मेरठ में बनी 30 आधारशिला लैब, 92 नगर पंचायतों को लैब से जोड़ने की तैयारी
 मेरठ। प्रदेश में शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए अथक परिश्रम कर कई कदम उठाए हैं। मेरठ में 30 आधारशिला लैब बनाई गई है। जहां बच्चों को एक ही छत के नीचे अंतरिक्ष, विज्ञान और रोबोटिक से संबंधित सभी जानकारी न केवल पढ़ाई जा रही है, बल्कि उन्हें दिखाकर जानकारी भी दी जा रही है। जिले के 92 नगर पंचायत क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में ९२ आधार शिला लैब बनायी जा रही है।  
मेरठ के मुख्य विकास अधिकारी सीडीओ शशांक चौधरी  ने बताया कि  राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को परिषदीय शिक्षा में लागू करने के लिए प्राइमरी विद्यालयों में अंतरिक्ष, गणित, विज्ञान और तकनीक से सुसज्जित आधारशिला लैब का निर्माण किया जा रहा है। जिले में 30 स्कूलों में ये लैब बन चुकी है जहां बच्चों को कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, न्यूटन के नियम, बुलेट ट्रेन की संकल्पना, ग्रहों का घूमना और टेलिस्कोप से ब्रम्हांड की सैर करने का मौका मिल रहा है।


 रोमांचकारी जानकारी से रूबरू हो सकेंगे ग्रामीण
 गांव में बने प्राइमरी स्कूलों में इन दिनों आधारशिला लैब बनाने का कार्य चालू है। मेरठ की 92 में से 30 नगर पंचायत क्षेत्र में बने प्राइमरी स्कूलों में आधारशिला लैब बनाई जा चुकी है। जबकि शेष प्राइमरी पाठशाला में भी यह लैब जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी। इस आधारशिला लैब के मॉडल में न केवल बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे बल्कि ग्रामीणों को भी अंतरिक्षए बुलेट ट्रेनए रोबोटिक जैसे रोमांचकारी जानकारियों से रूबरू कराया जाएगा।
 ड्रीम वॉल करेगी सपनों को साकार
इस लैब में एक ड्रीम वॉल भी बनाई गई है, जिस पर साइंटिस्ट, डॉक्टर सहित तमाम किरदारों को दिखाया और उनके बारे में बारीकी से बताया गया है, ताकि बच्चे इन्हें देख और इनके बारे में समझकर आसानी से लक्ष्य तय कर सकें। सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि यह लैब काफी आकर्षक है। बच्चे छुट्टियों में भी इसे देखने आते हैं। बच्चों के साथ उनके माता.पिता को भी लैब में बुलाया जाता है, जिससे उन्हें भी लैब के माध्यम से तमाम जानकारियां दी जा सकें और वो अपने बच्चों की मदद कर सकें।

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