आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई कार्यक्रम आयोजित

महिलाओं को दी गयी पोषण की जानकारी

मुजफ्फरनगर, 13 सितंबर 2022। मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य व गर्भवती को कुपोषण से बचाने के लिए जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मंगलवार को गोद भराई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान गर्भवती एवं बच्चों की देखभाल को लेकर जानकारी भी दी गईं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गौड़ ने बताया- गोद भराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में गर्भवती को अवगत कराना है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी भी लाता है।

उन्होंने बताया-गर्भावस्था के दौरान खान-पान और गर्भवती के वज़न बढ़ाने को लेकर चर्चा की गयी। उन्हें बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान महिला का वज़न नौ से 11 किलोग्राम बढ़ना चाहिए, यदि महिला कुपोषित है तो वज़न और अधिक ध्यान देना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान समय से जांच कराने, आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने, आयरन की गोली का नियमित प्रयोग करने, प्रसव के एक घंटे के अन्दर पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाये जाने, प्रसव सिर्फ संस्थागत कराने की सलाह दी गई। इसके साथ ही चतुरंगी आहार में लाल, हरा, पीला, सफेद चार तरीके के भोजन करने की सलाह दी गई। खाने में पौष्टिक भोजन जैसे अनाज, दूध, फल, दाले, हरी साग-सब्जी, घी व अन्य चीजें खाने के साथ दिन में पर्याप्त नींद लेने और कोई भी भारी वस्तु न उठाने की सलाह दी गयी।

इसके अलावा गोद भराई के लिए पोषण थाली में उपलब्धता के आधार पर साग सब्जियों, आयोडीन नमक, सीजनल फलों के अलावा गुड़ चना, नींबू, आईएफए और कैल्शियम की टैबलेट,  इस्तेमाल की सलाह दी गयी।

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