नाट फार यूः युवाओं के लिए खतरा बने ये ट्रेंड्स

फैशन और खूबसूरती शब्द लड़कियों के जीवन का अटूट हिस्सा माने जाते हैं। जब भी इन दोनों विषयों पर बात होती है, हमारे दिमाग में महिलाओं की ही आकृति उभरती है। अच्छा भी है, जिंदगी को रंगीन बनाने के लिए कुछ ना कुछ बदलाव जरूरी भी होता है। लेकिन अगर यह फैशन, ट्रेंड या बदलाव आपकी जिंदगी पर ही आफत बन आते तब क्या? तब इसे छोड़ देने में ही भलाई है।

साइज जीरो का क्रेज
-बॉलीवुड की एक फिल्म ने लड़कियों को साइड जीरो का चस्का लगा दिया... फिर क्या? जैसे खूबसूरती के सारे पैमाने ही बदल गए...। हर लड़की को अधिक से अधिक पतला होने का शौक लग गया। हमारे युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि पतला होने और फिट होने में अंतर होता है। आपका स्लिम होना फिटनेस का पैमाना बिल्कुल नहीं हो सकता।

-पतला होने के लिए लड़कियां और अब लड़के भी जमकर डायटिंग कर रहे हैं। जरूर से अधिक एक्सर्साइज कर रहे हैं। तो कुछ लड़के बॉडी बनाने के लिए तरह-तरह के हेल्थ ड्रिंक्स ले रहे हैं। आपको समझना होगा कि ऐसा करके सिर्फ आप अपने बाहरी आकर्षण को बढ़ सकते हैं। सेहत नहीं बना सकते, क्योंकि किसी भी चीज की अति शरीर को नुकसान ही पहुंचाती है। फिर चाहे बात जरूर से अधिक डायट कम कर देने की हो, बहुत अधिक एक्सर्साइज करने की हो या फिर हर समय अपने लुक्स को बेहतर बनाने के बारे में सोचने की। इस समस्याओं के चलते युवा डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं स्लिम फिगर की लत युवाओं को किडनी और हार्ट फेल्यॉर जैसी जानलेवा समस्या भी दे रहा है।




स्किन टाइट जींस

-लड़के-लड़कियों के बीच स्किन टाइट जींस पहनने का क्रेज उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट संबंधी बीमारियों का शिकार बना रहा है। इससे युवाओं को अपच, पेटदर्द और गैस बनने जैसी समस्याएं हो रही हैं। युवा इन जींस को पहनकर लंबे समय तक बैठे रहते हैं। इससे उनके शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। क्योंकि टाइट कपड़े शरीर में रक्त के प्रवाह को भी बाधित करते हैं। इससे युवा बहुत जल्दी थका हुआ महसूस करने लगते हैं।

हाई हील की समस्या

-लड़कियों के बीच हाई हील्स पहनने का बहुत अधिक क्रेज है। वहीं, कुछ प्रफेशंस की मांग ही है कि आपको हर समय हील्स पहनने रहनी हैं। लेकिन ऐसा करने से एड़ी, पंजे और पैरों में दर्द की समस्या बढ़ रही है। अगर इस तरह के दर्द को लंबे समय तक अनदेखा किया जाता है तो यह हड्डियों में ट्रांसफर हो जाता है।

बड़े-बड़े इयरिंग्स
-फैशन के नाम पर लड़कियों के बीच ओवर साइज्ड इयरिंग्स पहनने का ट्रेंड जोरों पर है। शेंडेलियर इयरिंग्स आमतौर पर वेट में बहुत अधिक होते हैं। इस कारण कान का कट जाना, कान में दर्द होना जैसी समस्याएं तो होती ही हैं। साथ ही इनके कारण गर्दन और कंधे में दर्द की समस्या भी बढ़ने लगती है। ऐसा इसलिए होता है कि आमतौर पर इस तरह की हेवी जूलरी कैरी करने पर गर्दन का पोश्चर सही नहीं रहता है, जिससे गर्दन में खिचाव या कंधे में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है।

टैटूज का क्रेज

बॉडी पर टैटू बनवाना यूथ का टशन बन गया है। इस दौरान कुछ युवा अतिउत्साह में चेहरे, गर्दन या गले के नीचे भी टैटू बनवा लेते हैं। लेकिन एक समय बाद ये टैटू इन्हें मानसिक रूप से परेशान करने लगते हैं। उस स्थिति में इन टैटू से निजात पाने के बारे में तरह-तरह के प्रसीजर्स अपनाते हैं। जो इन्हें मेंटली, इमोशनली और इकनॉमिकली नुकसान पहुंचाता है।

-इसके साथ ही टैटू रीमूवल के दौरान सेंसेटिव स्किन वाले युवाओं को स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। इसलिए जब भी टैटू बनवाने का निर्णय लें तो इस बात को पूरी तरह दिमाग में रखें कि एक वक्त बाद यह बोरिंग लगने लगेगा। इसलिए ऐसी जगह पर टैटू बनवाएं जहां यह बहुत हाइलाइट ना होता हो। इससे आपको शौक भी पूरा हो जाएगा और आप अतिरिक्त तनाव से भी बच जाएंगे।

पियर्सिंग

-पियर्सिंग का क्रेज लड़के और लड़कियों सभी में देखने को मिलता है। खासतौर पर लड़कियां तो अपनी नाभि में भी पियर्सिंग कराती हैं। आमतौर पर टीनऐज में चढ़ने वाला यह क्रेज बड़े होने पर असहज करने लगता है।
बच्चियों को अपनी डेली ऐक्टिविटीज में समझौता करना पड़ता है। खासतौर पर फिजिकल और स्पॉर्ट्स ऐक्टिविटीज में। इसलिए जरूरी है कि आप पियर्सिंग कराते समय सिर्फ यह ना सोचें कि ठीक नहीं लगेगा तो पियर्सिंग हटा देंगे। ये भी तो सोचिए कि यूज की जानेवाली निडिल कितनी साफ है।

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