नवरात्रि में नौ कलर्स करें फ़ॉलो

साल में दो बार नवरात्र मनाया जाता है। एक मार्च या अप्रैल में, जिसे चैत्र नवरात्र और दूसरा सितंबर या अक्टूबर में, जिसे शारदीय नवरात्र कहा जाता है। हाल के कुछ सालों में, दोनों नवरात्र के नौ दिनों में नौ रंगों को फ़ॉलो किया जाने लगा है। यानी कि हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहने जाते हैं। दरअस्ल रंगों की अपनी एक ख़ासियत होती है, जैसे लाल रंग को शुभ और नीले को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। आपको जानना चाहिए कि कौन-से रंग से आपको कौन-सी एनर्जी या ख़ुशी मिलती है।
ग्रे- ग्रे कलर को सादगी का रंग माना गया है। इसे तटस्थ और संतुलित रंग भी कहा जाता है।

ऑरेंज- लाल और पीले रंग को मिलाकर बनाए गए इस रंग में उगते सूरज-सी ऊर्जा होती है। ख़ुशी और सकारात्मकता से भरपूर यह कलर व्यक्ति को डिप्रेशन से उबरने में भी मदद करता है।

सफ़ेद- यह शेड शुद्धता और शांति का प्रतीक है। यह शरीर को तरोताज़ा और दिमाग़ को स्पष्ट रखने में मदद करता है। यह एक सफल शुरुआत को भी दर्शाता है। सफ़ेद रंग को विश्वास और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।



लाल- लाल रंग को शुभ और वीरता के साथ प्यार, रोमैंस, संवेदनशीलता और साहस व आत्मविश्वास का प्रतीक भी माना जाता है। लाल रंग हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। लाल रंग शारीरिक ऊर्जा, जुनून और इच्छा का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसे क्रोध और ख़तरे से भी जोड़कर देखा जाता है।

नीला- नीला कलर आसमान और समुद्र दोनों को एक साथ परिभाषित करता है। यह स्वतंत्रता, कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। यह विश्वास और ईमानदारी के लिए भी जाना जाता है। नीले रंग से मन और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

पीला- इस रंग को प्रकाश, ज्ञान और ख़ुशियां फैलानेवाला रंग कहा जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि पीला रंग मेंटल ऐक्टिविटी में वृद्धि और मसल्स को एनर्जी देने का काम करता है। यह याद्दाश्त और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।

हरा- हमारी आंखों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा व सुकून पहुंचानेवाले रंगों में हरे रंग का पहला स्थान है। इस रंग से मन को शांति मिलती है। यह स्थिरता और धैर्य बढ़ाने में मदद कर सकता है। हरे रंग को प्रकृति का रंग कहा जाता है। इसे हाइजीन और जल्दी रिकवरी का रंग माना जाता है और इसलिए अस्पतालों में इसी रंग का उपयोग होता है।  


मोरपंखी- नीले और हरे रंग के कॉम्बिनेशन वाला यह कलर मोरपंखी कलर के रूप में जाना जाता है। इस कलर से नकारात्मकता दूर होती है। इसके अलावा यह आंखों को सुकून देनेवाले रंगों में गिना जाता है।

बैंगनी- नीले और लाल रंग को मिलाकर बैंगनी रंग तैयार किया जाता है। नीले रंग की स्थिरता और लाल रंग की एनर्जी से भरपूर इस कलर में सज्जनता, महत्वाकांक्षा, स्वाभिमान और शक्ति की झलक होती है। यह कलर कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को बढ़ाता है। बैंगनी या पर्पल कलर को लग्ज़री के रूप में भी देखा जाता है और इसलिए लैवेंडर और ऑर्किड जैसे बैंगनी फूल क़ीमती होते हैं।

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