सहज ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी शिखर सम्मेलन के विदेशी मेहमानों को स्वदेशी दूध उत्पादकों की दी झलक

मेरठ । विश्व के डेयरी शिखर सम्मेलन में शरीक हुए 48 विदेशी मेहमानों ने आगरा में ताजमहल का आनंद उठाकर ठेठ गांव नंगला पचौरी में देशी दूध उत्पादकों से मुलाकात की और मेजबान दूध उत्पादकों की संस्था सहज ने उन्हें हिंदुस्तानी किसानों से रूबरू कराते हुए बताया कि छोटे किसानों का यह एक बड़ा प्रयास है जिसके कारण संस्था प्रदेश की सबसे बड़ी दूध उत्पादक संस्था बन गई है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उदघाटित विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद विदेशी मेहमान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं आईएनसी आईडीएफ के सचिव श्री मीनेश शाह के निमंत्रण पर आगरा के 1000 किलो क्षमता दूध वाला बल्क कूलर प्लांट देखने गए, जहां उन्होंने ‘सहज के द्वारा छोटे व सीमांत किसानों के क्रिया-कलाप को नजदीक से देखा और अनुभव प्राप्त किया। श्री शाह ने आगरा जाकर वहां के नए व सफल दुग्ध उत्पादकों के कार्यकलाप को देखने के लिए विदेशी मेहमानों को प्रस्ताव दिया था कि कैसे भारतीय डेयरी सेक्टर में वे निरंतर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा उदघाटित किए गए विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद विदेशी मेहमान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं आईएनसी आईडीएफ के सचिव श्री मीनेश शाह के निमंत्रण पर आगरा के 1000 किलो क्षमता दूध वाला बल्क कूलर प्लांट देखने गए, जहां उन्होंने ‘सहज’के द्वारा छोटे व सीमांत किसानों के क्रिया-कलाप को नजदीक से देखा और अनुभव प्राप्त किया। श्री शाह ने आगरा जाकर वहां के नए व सफल दुग्ध उत्पादकों के कार्यकलाप को देखने के लिए विदेशी मेहमानों को प्रस्ताव दिया था कि कैसे भारतीय डेयरी सेक्टर में वे निरंतर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।

पारंपरिक तरीकों से संस्था की महिला सदस्यों ने विदेशी मेहमानों का तिलक आरती और पुष्पहारों से स्वागत किया और उन्हें अपने पशुपालन और दूध उत्पादन के तौर-तरीकों से वाकिफ किया। संस्था की निदेशक श्रीमती सपना ने कहा ‘‘ आप हमारी संस्था में आए हैं और उसके ठीक एक दिन पहले एक लाख सदस्यों वाली संस्था के पूर्ण निदेशक मंडल ने आप जैसे ख्यातिमान विशेषज्ञों से शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श किया था। 

उन्होंने गर्व से कहा कि संस्था प्रतिदिन 5 लाख 20 हजार किलोग्राम दूध का व्यापार करती है और फलस्वरूप इसका वार्षिक कारोबार लगभग 830 करोड़ है जिसका 85 प्रतिशत हिस्सा दूध उत्पादकों को वापस दिया जा रहा है। कनाडा, जापान, अमेरिका जैसे विकसित देशों से आए विदेशी मेहमानों ने निरीक्षण के दौरान कई सवाल किए और जानने की कोशिश की कि हिंदुस्तान विश्व का दूध उत्पादक पारंपरिक तरीकों से कैसे बना। सहज के सीईओ श्री बसंत चौधरी उन्हें एक हजार लीटर दुग्ध शीतलीकरण संयंत्र में ले गए और बताया कि पारंपरिक दूध उत्पादकों की सम्मिलित शक्ति का नतीजा है कि हम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े दूध उत्पादक संगठन के रूप में खड़े हैं। हम 10 जिलों के एक लाख से ज्यादा उत्पादकों जिसमें 55 प्रतिशत महिला हैं और वार्षिक मुनाफे के तौर पर 12 करोड़ रूपया विगत साल में किया है। हमारी अतिरिक्त जमापूंजी के रूप में 80 करोड़ रूपया बैंकों में जमा है।’’ 


इस दूध उत्पादक संस्था का लक्ष्य अगले साल तक लगभग 6 लाख किलो तक दूध संकलन का लक्ष्य रखा है। जानकारी के मुताबिक इस बार 970 करोड़ का कारोबार का लक्ष्य है और इसी अनुपात में मुनाफा बढ़ेगा। खास बात यह है कि पौष्टिक आहार चारा एवं कृत्रिम गर्भाधान और पशुओं की देखभाल को लेकर यह संस्था जागरूकता अभियान भी चलाती है। वर्तमान में इनके सदस्यों पास करीब 5 लाख गाय-भैंस हैं। किस प्रकार छोटे व सीमांत किसान अपने पशुधन का ख्याल रखते हुए दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। यहां बायोगैस कैसे काम करता है, कैसे गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत का उपयोग किया जाता है और उत्सर्जन आदि की प्रक्रिया क्या है। ऐसे तमाम बिंदुओं को बारीकी से देखा और समझा।


उन्होंने बताया कि वह डेयरी प्रोडक्टस के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहे हैं और आज सहज का नाम जाना माना है। भावभीनी विदाई देकर सहज के सदस्यों ने मेहमानों को स्मृति चिन्ह के रूप में संगमरमर से बने विश्व के आठवें अजूबे ताजमहल का स्मृति चिन्ह भेंट किया। मेहमान करीब 40 किलोमीटर वापस जाकर आगरा पहंुचे और दिल्ली के लिए कल रात प्रस्थान कर गए।


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