आगामी 25 वर्ष तक तेल का बाजार अच्छा रहेगा - सुधाशुं पाण्डेय


 

मेरठ । आगरा में बुधवार 21 सितम्बर को यहां सम्पन्न हुई सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया एसईए की एजीएम के दौरान हुए विशेषज्ञो के पैनल डिस्कशन में एक बात उभर कर सामने आई कि इस बार मानसून के मेहरबान रहने से खरीफ में तिलहनी फसलों की बम्पर पैदावार की उम्मीद है। खास कर सरसों की फसल काफी अच्छी होगी। इसके अलावा इस एजीएम में किसानों के हित और फसलों के सुधार के लिए मिलेजुले प्रयासों पर जोर दिया गया। इसके साथ ही एसईए के सभी पदाधिकारियों ने फ्यूचर कारोबार को फिर से शुरू करने पर जोर देते हुए कहा, इसका उपयोग और कई अन्य लाभों की सहजता के कारण यह कारोबार कई कारोबारियों के लिए डिफॉल्ट कारोबारी विधि है।

 

इस अवसर पर मुख्य वक्ता केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय खाद्य सचिव श्री सुधाशुं पाण्डेय ने अपने सारगर्भित भाषण में  कहा कि,‘‘चीन के बाद भारत आबादी के मामले में दूसरे स्थान पर है जिस प्रकार आबादी का विस्तार हो रहा है तो यह जरूरी है कि आगामी 25 वर्ष के बाद आबादी के अनुपात में प्रत्येक खाद्य वस्तुओं की मांग बढ़ेगी, इसलिए सभी उत्पादकों को उसी अनुपात में अपने उत्पादो को और गति देनी होगी। उन्होंने एक्सट्रैक्टर्स का भविष्य  उज्जवल बताते हुए कहा कि, उन्हें अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और भी विस्तृत करने होंगे, साथ ही अपने उत्पादनों को पांच गुणा बढ़ाना होगा। उन्होंने इस बारे में वर्तमान आबादी और आज से 25 साल बाद होने वाले बदलावों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी उस समय तक 50 साल की हो जाएगी, इसलिए अभी से हमें तदुनूरूप तैयारी करनी होगी।‘‘

भारत 60 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेल आयात करता है। बीते कुछ माह में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के अलावा इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर पाबंदी से आयात प्रभावित हुई है। इस वजह से वैश्विक के साथ घरेलू बाजार में भी खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। हालांकि, सरकार ने पिछले साल कीमतों में कटौती को लेकर कई अहम फैसले भी लिए थे।

सरकार के कदमों से भले ही तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही हो, लेकिन ये अभी भी महंगे स्तरों पर ही हैं। दरअसल कोरोना काल में लगे प्रतिबंधों का उत्पादन पर बुरा असर देखने को मिला था, जिससे कीमतों में बढ़त दर्ज हुई। इस दौरान कई देशों ने घरेलू सप्लाई को बनाए रखने के लिए निर्यात प्रतिबंध भी लगाए, जिससे सप्लाई की स्थिति बिगड़ गई. इसके बाद रूस यूक्रेन संकट से स्थितियों और बुरी हो गई. और सनफ्लॉवर की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा. अलग अलग वजहों से सनफ्लॉवर और पाम तेल की सप्लाई पर असर पड़ने से दूसरे खाद्य तेलों की खपत बढ़ी और उनके दामों में भी असर देखने को मिला।

पैनल डिस्कशन 

समिट की शुरूआत सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के निवर्तमान अध्यक्ष श्री अतुल चतुर्वेदी के स्वागत भाषण के साथ हुई। वे विगत छह वर्षों से इस पद पर आसीन रहे। उन्होंने अपने छह साल के कार्यों की उजली मैली सतरंगी चूनर के माफिक अनुभवों को साझा किया उन्होंने कोविड के दंश और आने वाली उम्मीदों को साझा करते हुए अपना पदभार नव नियुक्त अध्यक्ष श्री अजय झुनझुनवाला को सौंपा और कहा कि आशा है कि श्री झुनझुनवाला के नेतृत्व में यह संगठन सदस्यों और किसानों के हित में काम करेगा।

पदभार सौंपा

श्री अतुल चतुर्वेदी ने अपने छ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद वर्ष 2022-23 के लिए इस पद को नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अजय झुनझुनवाला को सौपा। उन्होंने आशा जताई कि हमारे पिछले अध्यक्ष अजय टंडन मुझसे कहते रहे कि एसईए परम्परा ऐसी है कि नए अध्यक्ष हमेशा पुराने से बेहतर प्रदर्शन करते हैं, मुझे यकीन है कि यह मेरी लम्बी पारी पर यह लागू होता है या नहीं, लेकिन मुझे यकीन है कि अजय झुनझुनवाला इसे अध्यक्ष के रूप में सफल करेंगे, न केवल हमारी परियोजनाओं को जारी रखेंगे बल्कि एसईए को एक अलग स्तर पर भी ले जाएंगे।

सत्र की शुरूआत में ‘‘डॉमेस्टिक खरीफ ऑयलसीड क्रॉप सिचुएशन एण्ड प्राइस आउटलुक विषय पर पैनल डिस्कशन के साथ हुई। इसमें इस जगत के निश्नात  विशेषज्ञो ने भाग लिया, जिनमें एसईए के निवर्तमान अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी, पतंजलि फूड लि. के सी संजीव अस्थाना, जेमिनी ईडी एण्ड फैट्स के श्री प्रदीप चौधरी, विजय सॉल्वेंट के श्री विजय डाटा, सहित अन्य विशेषज्ञ वक्ता नागराज मीडा, नीरव देसाई, सहित अन्य वक्ताओ ने शिरकत की। इस डिस्कशन के मॉडरेटर जी टीवी बिजनेस के कमोडिटी एडिटर श्री मृत्युंजय झा रहे।

इस अवसर पर संचार मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री पार्थ एस. दास ने मंचस्थ अतुल चतुर्वेदी, अजय, डॉ बी वी मेहता सहित अन्य का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सनफ्लावर, सोयाबीन सहित अन्य तेल उत्पादों का भविष्य उज्जवल बना रहेगा।

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