मुजफ्फरनगर में स्वास्थ्य विभाग ने 14 अवैध क्लीनिक और किये सील

 48 हॉस्पिटलों को थमाया नोटिस


मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिलाधिकारी  के निर्देशानुसार जनपद में आज भी फर्जी अस्पतालों, क्लीनिकों लैब आदि पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत आज नगरीय क्षेत्र में 5 क्लीनिक सील किए गए, जिनमें से  दो क्लीनिक मल्लूपुरा में सील किए गए, कच्ची सड़क स्थित कौशल क्लीनिक सील किया गया, आनंदपुरी में लाइफ लाइन हॉस्पिटल सील किया गया तथा सागर नर्सिंग होम आनंदपुरी मे सील किया गया। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र में 3 क्लीनिकों को नोटिस दिया गया। उन्होंने बताया कि आज की चेकिंग अभियान में सदर ब्लाक में 3 सील किए गए, चार को नोटिस दिया गया। मोरना ब्लॉक में दो सील किए गए व पांच को नोटिस दिया गया। पुरकाजी ब्लॉक में एक सील किया गया, 9 को नोटिस दिए गए, बुढाना ब्लॉक में 3 सील किए गए, 6 को नोटिस दिए गए, जानसठ ब्लॉक में 10  को नोटिस दिया गया तथा चरथावल ब्लॉक में 8 को नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद में इसी तरह से सघन चेकिंग अभियान चलाया जाता रहेगा तथा जो भी फर्जी क्लीनिक या हॉस्पिटल चलाए जा रहे हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मोरना में भी दूसरे दिन  बिना रजिस्ट्रेशन व अप्रशिक्षित स्टाफ के संचालित किए जा रहे निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब तथा मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई जारी रही। स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही इस धंधे में लगे लोगों में हड़कंप मच गया। टीम ने दर्जनों अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिये है। मंगलवार को प्रभारी चिकित्साधिकारी मोरना डॉ अर्जुन सिंह के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम ने कस्बा मोरना व बेहडा सादात में बिना पंजीकरण व अप्रशिक्षित स्टाफ और बिना डॉक्टर के मिले अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम के आने की खबर मिलते ही अवैध रूप से संचालित की जा रही डॉक्टर की दुकानों व बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पतालों के सटर गिरने शुरू हो गए, देखते ही देखते चारों ओर की दुकान बंद हो गई। डॉक्टरों ने अपने होर्डिंग उतार कर दुकानों के अंदर रख लिए। मोरना चिकित्सा प्रभारी डॉ अर्जुन सिंह के नेतृत्व में डा. अंकित कुमार, डा. मोहम्मद सोहेल, मांगेराम और मोनू ने अप्रशिक्षित डॉक्टरों, जच्चा बच्चा केंद्रों, पैथोलॉजी लैब, अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा किए गए हैं। कुछ अस्पतालों से फाइलें व पत्रावलियों को भी कब्जे में लिया गया है, जिन चिकित्सा केंद्रों का पंजीकरण या चिकित्सा योग्यता प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिख दिया गया है। कुछ ऐसे अस्पताल भी रहे जहां पर एक्सपायरी  दवाई भी पाई गई हैं। अधिकतर जगह पर पंजीकृत की जगह अप्रशिक्षित डॉक्टर मिले, जिनके विरुद्ध निर्धारित अवधि में मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

विदित है कि जनपद के भोपा सहित चार स्थानों पर अप्रशिक्षित डॉक्टरों के द्वारा अवैध रूप से संचालित किए जा रहे अस्पतालों में गलत इलाज के चलते महिला सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग शीतनिंद्रा से जागा और पूरे जनपद में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे अस्पतालों के विरुद्ध मुख्य चिकित्साधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार के दिशा निर्देश पर स्थानीय सरकारी अस्पतालों की टीमों के द्वारा जगह जगह छापेमार कार्रवाई की जा रही है, जिन दुकानों के शटर बंद मिले हैं उनके बाहर आवश्यक कार्रवाई करने को नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं और पत्रावली प्रस्तुत करने के लिए समय दिया गया है, जिन अस्पताल संचालकों के द्वारा निर्धारित समय अवधि में संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाएगा, उनको पूरी तरह से कागजी कार्रवाई अमल में लाते हुए बंद कराकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों की दुकानों को मौके पर ही बंद कर दिया गया है और कुछ को आवश्यक कागजातों की जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के छापों से इस काम में लगे लोगों में हड़कंप मचा रहा और अधिकतर लोग अपनी अपनी दुकान व क्लीनिक बंद करके इधर-उधर हो गए। कुछ दुकानों पर इलाज के लिए लगाए गए बड़े-बड़े बोर्ड भी नदारद मिले, जिसके कारण अंदाजा लगाया जा रहा है कि भोपा, भोकरहेडी, मोरना, बेहड़ा सादात, ककरौली, बेलडा, सीकरी, सिकंदरपुर, जौली आदि स्थानों पर अवैध रूप से निजी चिकित्सकों की दुकानों व अवैध रूप से अस्पतालों का संचालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। सस्ते इलाज के चक्कर में आकर लोग इन अस्पतालों में इलाज करा लेते हैं और अपनी जान गवां बैठते हैं। कुकुरमुत्तों की तरह गांव गलियों में फैले अस्पताल के इन मकडज़ाल से लोगों को कैसे निजात मिलेगी यह स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल दूसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा क्षेत्र के दर्जनों अस्पतालों, क्लीनिक, दुकानों, पैथोलॉजी लैब, टेक्नीशियन की दुकानों के खिलाफ छापे की कार्यवाही की गई। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किसी भी अस्पताल के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है, जिसे लेकर लोगों में चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पर्याप्त साक्ष्यों व नोटिस के जवाब आने के बाद ही कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जानसठ में भी लगातार हो रही मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और कस्बे में चल रहे बिना पंजीकृत नर्सिंग होम एवं क्लीनिक पर छापेमारी करते हुए एक दर्जन नर्सिंग होम को नोटिस जारी करते हुए कागजात मांगे गए। मंगलवार को सीएचसी प्रभारी डॉ अशोक कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को साथ लेकर कस्बे में संचालित नर्सिंग होम का निरीक्षण किया, जिसमें 12 नर्सिंग होम को नोटिस जारी करते हुए कागजात मांगे हैं, जिनमें से कई संचालक निरीक्षण को देखते हुए अपने नर्सिंग होम बंद करके भागते नजर आए। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में कुछ समय पूर्व से लगातार जच्चा-बच्चा की मौत होने की सूचना मिल रही थी इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कस्बे में नर्सिंग होम एवं क्लीनिक का निरीक्षण किया और संबंधित कागजात चेक किए, जिनमें से कस्बे में कई क्लीनिक बंद मिले। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दर्जन नर्सिंग होम एवं क्लीनिक अल मैक्स हॉस्पिटल,  जनसेवा क्लीनिक, गौतम पॉली क्लिनिक,  मोहित डेंटल क्लीनिक, नेचुरल हेल्थ केयर, मदर इंडिया हॉस्पिटल,  दयानंद हॉस्पिटल, रहमत क्लीनिक, डॉक्टर जयवीर सिंह, पंत क्लीनिक, बच्चों का क्लीनिक, कैफ मेडिकल स्टोर ढासरी जानसठ संचालकों को नोटिस जारी किए गए। सीएचसी प्रभारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में सिलसिलेवार जच्चा बच्चा की मौत की सूचना मिले इसी के चलते क्षेत्र में नर्सिंग होम एवं क्लीनिक का निरीक्षण किया गया और एक दर्जन नर्सिंग होम एवं क्लीनिक संचालकों को नोटिस जारी किए गए कि वह समय से अपने पंजीकृत कागजात उपलब्ध कराएं अन्यथा क्षेत्र में चल रहे अवैध चल रहे नर्सिंग होम संचालकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।

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