प्रदेश में धूमधाम से मनेगा स्वतंत्रता दिवस

- शासन ने जारी की गाइडलाइंस

लखनऊ।
देश के स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ को उत्तर प्रदेश में परम्परागत ढंग से आकर्षक रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिया है।
दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि देश के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की याद दिलाने वाला 76वां स्वाधीनता दिवस समारोह इस बार परम्परागत रूप से सादगी परन्तु आकर्षक ढंग से मनाया जाये। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे वर्ष भर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पूरे देश में गरिमामय ढंग से मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर 11 से 17 अगस्त तक 'स्वतंत्रता सप्ताह' एवं 13 से 15 अगस्त तक 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करना तथा स्वतंत्रता के प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव जगाना है।
प्रदेश में 15 अगस्त को प्रात: 08:00 बजे सरकारी तथा गैर-सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ झण्डा-अभिवादन के साथ ही राष्ट्रगान का भावपूर्ण गायन होगा। राष्ट्रीय ध्वज में पुष्पों की पंखुड़ियां बांध कर उसे फहराया जा सकता है। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर महत्वपूर्ण आयोजन के लिए 15 अगस्त को समस्त सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, वाणिज्यिक/औद्योगिकप्रतिष्ठान आदि खुले रहेंगे तथा इन स्थलों पर खादी निर्मित राष्ट्रध्वज सम्मानपूर्वक फहराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, पंथ-निरपेक्षता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को बलवती बनाने पर जोर दिया जाये तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित करने के साथ-साथ लोगों की परम्परागत एकता प्रदर्शित करने के लिए मानव-श्रंखला बनाने पर भी विचार करें। सभी विद्यालयों, मुहल्लों से प्रभात फेरियां निकाली जाएं जिसमें झण्डा गीत एवं अन्य राष्ट्रभक्ति के गीतों का गायन किया जाए।
दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि इसके अतिरिक्त समस्त शिक्षण संस्थाओं में इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये, जिसमें राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' का सामूहिक गायन भी सम्मिलित हो। विद्यार्थियों को स्वतंत्रता-संग्राम का इतिहास बताया जाये तथा देश के लिए शहीद हुए ज्ञात-अज्ञात विशेषकर स्थानीय देशभक्तों के जीवन के प्रेरक-प्रसंग दोहराये जायें, जिससे उनमें राष्ट्रीय चेतना जागृत हो।

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