अच्छी तरह करें कार्य की शुरुआतः सीएम योगी
महायोगी गोरखनाथ विवि, बालापार का स्थापना दिवसगोरखपुर।
सीएम योगी ने कहा कि कार्य शुरू होने से पहले हम परिणाम की चिंता कर लेते हैं। जबकि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि कर्म की चिंता करो, फल की नहीं। कार्य यदि अच्छी तरह से शुरू किया जाए तो उसका अच्छा परिणाम भी आता है। पूरे मनोयोग और अच्छी तरह से कार्य शुरू करने पर हमें सफलता से कोई ताकत रोक नहीं सकती।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, बालापार के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि हमें चुनौतियों के लिए सदैव तैयार रहना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि 40 वर्षों से इस क्षेत्र में इंसेफ्लाइटिस का प्रकोप था। इस महामारी के उपचार को सरकारों ने गंभीरता से नहीं लिया। 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई। जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका जापान में 1905-06 में ही विकसित हो गया था। लेकिन सरकारों की उदासीनता के चलते भारत में 100 साल बाद आया। 2005-06 में यहां टीकाकरण की शुरुआत तब हुई जब संसद में इस मुद्दे को उठाया गया। कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सतर्कता और सार्थक प्रयास के चलते हमने मात्र नौ माह में कोरोनारोधी टीका विकसित कर लिया।
आम आदमी का स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता
सरकार की प्राथमिकता में आम आदमी का स्वास्थ्य है। इसके लिए सरकार अनवरत प्रयास कर रही है। विद्यार्थियों को भी शोध व अनुसंधान के प्रति संवेदनशील रहना होगा। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने मात्र एक साल के अंदर अच्छी शुरुआत की है। इसके परिणाम भी अच्छे आएंगे। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की कमी महसूस की जा रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे दूर कर दिया है।
समारोह में प्रदेश सरकार के शिक्षा सलाहकार एवं यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह, प्रदेश सरकार के फार्मा सलाहकार एवं पूर्व औषधि महानियंत्रक जीएन सिंह, राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आरपी शाही, गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय, महापौर सीताराम जायसवाल, विधायक श्रीराम चौहान, राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार, बीएचयू के प्रो. रामचन्द्र रेड्डी, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव आदि की विशिष्ट भागीदारी रही।


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