इन्हेलर्स अस्थमा के नियंत्रण के लिए प्रभावशाली और सुरक्षित हैं
मेरठ : सिप्ला ने अपने मरीज जागरुकता अभियान बेरोक जिंदगी का नया चरण शुरू किया ,इस अभियान का उद्देश्य अस्थमा पीड़ितों के प्रभावशाली और सुरक्षित इलाज के रूप में इन्हेलर्स के बारे में जागरुकता बढ़ाना है | यह अभियान शिक्षा का प्रसार करते हुए इन्हेलर के मिथकों को दूर कर मरीजों एवं डॉक्टर्स के बीच संचार बढ़ाएगा | ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 3.43 करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा का शिकार हैं दुनिया भर में अस्थमा के भार में भारत की हिस्सेदारी 13प्रतिशत है और यहाँ पर अस्थमा से दुनिया की 43प्रतिशत मौतें होती हैं, जिसके कारण हमारा देश दुनिया में अस्थमा कैपिटल बन गया है।
डॉ महीप सलूजा एमडी मेरठ ने बताया अस्थमा नियंत्रण में सुधार करने के लिए इससे जुड़ी बाधाओं को दूर करना बहुत जरूरी है खासकर उन टियर 2 शहरों में जहाँ बीमारी का प्रसार बहुत ज्यादा है इन्हेलर या इन्हेलेशन थेरेपी मेडिकल रूप से परामर्शित और इलाज का एक सुरक्षित विकल्प है जो अस्थमा पीड़ितों को बीमारी पर नियंत्रण रखने और अच्छी गुणवत्ता का जीवन व्यतीत करने में मदद करता है इन्हेलर दवाई को सीधे फेफड़ों में पहुँचाते हैं जहाँ पर जाकर दवाई अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करती है हालाँकि हमारे समाज में इलाज के लिए इन्हेलर्स के उपयोग को शर्मनाक माना जाता है जिसके कारण अस्थमा के मरीज विशेषज्ञों की मदद नहीं ले पाते हैं साथ ही अस्थमा इसके लक्षणों और इसके इलाज के बारे में जागरुकता की कमी के कारण डॉक्टर्स को इस बीमारी का भार कम करने के लिए काफी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है।
डॉ. विकास गुप्ता इंडिया बिज़नेस आरएक्स हेड सिपला ने कहा सिप्ला में हम मरीजों के जीवन में परिवर्तन लाने और उन्हें सही विकल्प का चुनाव करने के लिए गहन प्रयास करने में यकीन करते हैं हमारे जन जागरुकता अभियान ने काफी लंबा सफर तय किया है और अस्थमा एवं इन्हेलर्स के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया में एक सकारात्मक परिवर्तन लाया है बेरोक जिंदगी अभियान के नए चरण के साथ हमारा उद्देश्य लोगों को इससे जुड़ी मिथकों से अवगत कराना और इसके इलाज के बारे में जागरुकता बढ़ाना है ताकि लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।


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