पूर्वांचल में उफ़नाई गंगा, गांवों में घुसने लगा पानी

 भदोही डीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया निरीक्षण

भदोही (प्रभुनाथ शुक्ला)।
पूर्वांचल में सूखे के हालत हैं लेकिन गंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है और गावों में पानी घुसने लगा है। राजस्थान के धौलपुर से चंबल का 25 लाख क्यूसेक पानी छोडे जाने से बाढ़ का पानी गावों में घुसने लगा है। कटान भी तेज हो गया है। जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों को विस्थापित कर जमीन का पट्टा आवंटित करने का आदेश दिया है। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, बलिया, गाजीपुर और मऊ में हालात बेकाबू होने को हैं। कई जगह गंगा ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं।
भदोही जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सीतामढ़ी क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त गावों का दौरा कर आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।
सम्भावित बाढ़ से होने वाले प्रभावित गावों छेेछुवा, भुर्रा, इटहरा, रामपुर घाट, कलिक मवौया,सीतामढ़ी,धनतुलसी, सबसे अधिक प्रभावित गांव हो सकते हैं। गंगा नदी के  कटान क्षेत्र छेछुआ में ढाई सौ आबादीे के 35 परिवारो को विस्थापित कर बाढ़ चौकी श्रीनारायण इण्टर कालेज धनतुुलसी में रखने का निर्देश दिया गया है। प्रभावित परिवारों को पटटे की जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। इटहरा कटान क्षेत्र के चार परिवारों को बाढ़ चौकियो में लाया गया है।
जिलाधिकारीए ने  उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर के साथ सम्बन्धित अधिकारियों को राहत शिविर के साथ प्रभावित होने वाले प्रमुख मार्गो पर नाव की व्यवस्था एवं राहत सामाग्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। ग्राम प्रधान व ग्रामीणो के द्वारा बताया गया कि गंगा के नजदीक वाले गावों में बड़े पैमाने पर उपजाऊ जमीन कटकर गंगा मेें समाहित हो रही है इससे फसल प्रभावित होने से किसान का बड़ा नुकसान हो रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रो में बाढ़ राहत चौकिया  बनायी गयी है सभी बाढ़ चैकियो पर कर्मचारियो की तैनाती कर क्रियाशील कर दिया गया है।
केंद्रीय जल आयोग वाराणसी के अनुसार भदोही के सीतामढ़ी स्थित मीटर गेज पर गंगा का जलस्तर शुक्रवार शाम 7 बजे 79.720 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। गंगा प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर बढ़ रहीं हैं। 29 अगस्त की दोपहर बाद भदोही में और जलवृद्धि के आसार हैं।



प्रयागराज में बाढ़ को लेकर हाईअलर्ट

प्रयागराज।
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्‍तर से लोग परेशान हैं। विकराल रूप धारण कर चुकीं गंगा और यमुना खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर है। दोनों नदियां खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही हैं। शनिवार 27 अगस्‍त की सुबह 10 बजे तक गंगा का जलस्‍तर बढ़ना जारी था तो यमुना स्थिर हो गईं थीं। गंगा-यमुना नदियों के बाढ़ के पानी से शहर का तटीय क्षेत्र पूरी तरह से घिर गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से हाई अलर्ट घोषित करते हुए प्रभावित मोहल्लों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी तैनात कर दी गई है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और उत्तराखंड से आ रहे पानी के चलते पिछले 10 दिनों से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा था। बीच में दो दिन दोनों नदियां घटने लगीं थीं मगर बांधों और बैराजों से लगभग 30 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सोमवार से जलस्तर तेजी से बढऩे लगा।

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